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3) संस्कृत वाक्य अभ्यास

संस्कृत वाक्य अभ्यास

Sanskrit sentence study




सा बालिका मम श्मश्रुतः बिभेति 

= वह बच्ची मेरी दाढ़ी से डरती है।


सा मां दृष्ट्वा रोदिति 

= वह मुझे देखकर रोती है । 


मम अङ्के न आगच्छति 

= मेरी गोदी में नहीं आती है । 


अनेक-रीत्या तां बालिकां प्रीणयितुं प्रयासं करोमि 

= अनेक तरह से उस बच्ची को खुश करने का प्रयास करता हूँ। 


तथापि सा रोदिति एव 

= फिर भी वह रोती है । 


तां बालिकां कथं प्रीणयन्ति सर्वे ? 

= उस बच्ची को सभी कैसे खुश करते हैं ?


अहं तस्याः गृहात् बहिः आगच्छामि 

= मैं उसके घर से बाहर आ जाता हूँ 


तस्याः माता तस्यै क्रीड़नकं ददाति

= उसकी माँ उसे खिलौना देती है ।  


तथापि सा बालिका शान्ता न भवति 

= फिर भी वह बच्ची चुप नहीं होती है 


तस्याः पिता ताम् उद्यानं नयति 

= उसका  पिता उसको बगीचे ले जाता है 


तत्र सः तां पुष्पाणि दर्शयति 

= वहाँ उसे वह फूल दिखता है । 


बहुविधं प्रयत्नं करोति 

= बहुत प्रयत्न करता है 


तदा सा बालिका शान्ता भवति 

= तब वह बच्ची शान्त होती है ।


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* किं मेलयति ? 

= क्या मिला रहे / रही हो ?

What are you mixing?


** गुडं मेलयामि ।

= गुड मिला रहा / रही हूँ। 

Getting gud (गुड).


* कस्मिन् ? 

= किसमें ? 

In what?


** जले ।

= पानी में 

In the water.


* किमर्थं गुडम् ? शर्करां न मेलयति ? 

= गुड क्यों ? चीनी क्यों नहीं मिला रहे / रही हो ? 

Why gud (गुड) ? Why are you not adding sugar?


* नैव , शर्करा न खादनीया। 

= नहीं , चीनी नहीं खानी चाहिये। 

No, sugar should not be eaten.


** शरीरस्य कृते गुडम् एव योग्यम् ।

= शरीर के लिये गुड ही योग्य है ।

Gud (गुड) for the body is worth it.


* पश्यतु , लिम्बूपानकं सिद्धं जातम्। 

= देखो , नीबू शरबत तैयार हो गया। 

Look, the lemon juice is ready.


* पिबतु , आस्वादयतु। 

= पियो , स्वाद लो ।

Drink, have a taste.


** अहो , उत्तमम् अस्ति। 

= वाह , बढ़िया है।

Wow, great.


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चिरागः - वेगेन चल ।

          = तेज चल ।


परागः - न , वेगेन मा चल ।

          = नहीं , तेज मत चलो ।


अनुरागः - वयं पदयात्रां कुर्मः। 

            = हम पदयात्रा कर रहे हैं। 


            - अत्र धावनस्पर्धा नास्ति।

            = यहाँ दौड़ स्पर्धा नहीं है। 


परागः - अग्रे पश्य , कोsपि वेगेन न चलति।

         = आगे देखो , कोई भी तेज नहीं चल रहा है। 


चिरागः - आं सर्वे प्रेम्णा चलन्ति।

          = हाँ सभी प्यार से चल रहे हैं। 


अनुरागः - गतवर्षे अहं वेगेन चलितवान् आसम्। 

           = पिछले वर्ष मैं तेज चला था। 


           - शीघ्रमेव श्रान्तः अभवम् ।

           = जल्दी ही तक गया था।


परागः - ममापि तथैव जातम्। 

          = मेरा भी वैसा ही हुआ। 


          मम तु पादयोः पीड़ा आरब्धा आसीत्।

          = मेरे तो पैरों में दर्द शुरू हुआ था।


चिरागः - आम् ,  बहु दूर-पर्यन्तं गन्तव्यम् अस्ति। 

         = हाँ , बहुत दूर तक जाना है। 


         -  अतः वयं प्रेम्णा चलिष्यामः। 

         = इसलिये हम प्रेम से चलेंगे।



--- अखिलेश आचार्य

संस्कृत वाक्य अभ्यास - 4 के लिए निम्न 👇🏻लिंक पर जाइये ।

https://jagdishdabhisanskritm.blogspot.com/2020/11/4.html

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