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11) संस्कृत वाक्य अभ्यास

 संस्कृत वाक्य अभ्यास



Sanskrit sentence study



पुत्रः - अम्ब निद्रा न आगच्छति। 

       = माँ नींद नहीं आ रही है ।

Son - I am not sleepy.


माता - किमर्थं पुत्र ?

        = क्यों बेटा ? 

Mother - Why son?


पुत्र - अद्य अहम् असत्यम् उक्तवान् ।

      = आज मैंने झूठ बोला । 

Today I lied.


माता - कदा असत्यम् उक्तवान् ? 

        = कब झूठ बोला ? 

When did you lie


        - कम् असत्यम् उक्तवान् ? 

        = किसको झूठ बोला ? 

Who lied?


        - कुत्र असत्यम् उक्तवान् ?

         = कहाँ झूठ बोला ? 

Where did you lie


पुत्रः - विद्यालये शिक्षिकाम् असत्यम् उक्तवान् ।

       = विद्यालय में शिक्षिका को झूठ बोला । 

Lied to the teacher in school.


        - अहं गृहकार्यं न कृतवान् आसम्। 

       = मैंने होमवर्क नहीं किया था । 

I did not do homework.


       - तथापि अहम् अवदम् " अहं गृहकार्यं कृतवान् "।

       = फिर भी मैंने कहा " मैंने होमवर्क किया है " 

Even then I said "I've done homework"


        - सर्वे स्वं गृहकार्यं दर्शितवन्तः । 

       = सबने अपना गृहकार्य दिखा दिया। 

Everyone showed their homework.


       - अहं न दर्शितवान्। 

       = मैंने नहीं दिखाया । 

I didn't show


       - शिक्षिका मां ताड़ितवती। 

       = शिक्षिका ने मुझे मारा ।

The teacher hit me.


माता - वत्स ! असत्यं कदापि न वक्तव्यम्। 

         = बेटा ! झूठ कभी नहीं बोलना चाहिये। 

son ! Never lie.


          - वद , हे प्रभो ! अहं कदापि असत्यं न वदिष्यामि। 

          = बोलो , हे प्रभु ! मैं कभी भी झूठ नहीं बोलूँगा। 

Say, Lord! I will never lie.


         - सत्यं वदिष्यामि। 

         = सच बोलूँगा । 

Will tell the truth


         - गच्छ शयनं कुरु , निद्रा आगमिष्यति। 

         = जाओ सो जाओ , नींद आ जाएगी।

Go to sleep, sleep will come.


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सङ्केतेन मा वद

= इशारों से मत बोलो ।

Do not speak with gestures.


वाण्या  वद। 

= वाणी से बोलो ।

Speak with speech.


वाचा वद ।

= वाणी से बोलो । 

Speak with speech.


वाचा ( वाण्या)  यद्किमपि वक्तव्यम् उत्तमम् एव वक्तव्यम्। 

= वाणी से जो भी बोलें अच्छा ही बोलें। 

Whatever you say with speech, speak well.


अस्माकं मधुरां वाणीं ( वाचम् ) श्रुत्वा जनाः मोदन्ते। 

= हमारी मधुर वाणी सुनकर लोग खुश होते हैं। 

People are happy to hear our sweet speech.


कर्कशां वाणीं ( वाचम् ) श्रुत्वा जनाः रुष्टाः भवन्ति। 

= कर्कश वाणी सुनकर लोग नाराज होते हैं।

People are angry after hearing a loud voice.


गुरवः वाचा एव उपदेशं ददति। 

= गुरु वाणी से ही उपदेश देते हैं ।

The Guru teaches through speech.


सः वाचा यत्किमपि वदति तद् कार्यम् अवश्यमेव करोति।

= वह वाणी से जो कुछ भी बोलता है वो काम अवश्य करता है। 

Whatever he speaks with speech, he definitely does.


मनसा वाचा कर्मणा  सः एकसमानः अस्ति।

= मन वचन और कर्म से वह एकसमान है। 

He is identical with mind and words.


गुरोः वाचः ज्ञानं निस्सरति। 

= गुरु की वाणी से ज्ञान निकलता है। 

Knowledge comes out from the Guru's voice.


तस्य वाचि पवित्रता वर्तते ।

= उसकी वाणी में पवित्रता है। 

There is purity in his speech.


अद्य वाक्द्वादशी अस्ति। 

= आज वाणी द्वादशी है।

Today speech is Dwadashi.


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पुत्रः - अम्ब !  अहं कदलीफलं खादितवान्। 

       = माँ , मैंने केला खा लिया। 


       - एतस्य त्वक् कुत्र क्षिपानि?

       = इसका छिलका कहाँ फेंकूँ?


माता - वत्स ! कदलीफलस्य त्वक् यत्र तत्र मा क्षिप । 

       = बेटा , केले का छिलका जहाँ तहाँ मत फेंकना। 


        - यत्र तत्र क्षिपामः तर्हि कोsपि पतिष्यति।

        = जहाँ तहाँ फेंकेंगे तो कोई गिर जाएगा।


        - पश्य द्वारे गोवत्सः अस्ति। 

       = देखो , दरवाजे पर बछड़ा है। 


        गोवत्साय देहि। 

        = बछड़े को दे दो। 


पुत्रः - आम् अम्ब ! 


( कानिचन दिनानि अनन्तरम् 

   = कुछ दिनों के बाद )


माता - वत्स ! अहं पलांडु कर्तयामि। 

       = मैं प्याज काट रही हूँ। 


      - एतस्य त्वक् अवकरपात्रे क्षिप।

      = इसका छिलका कूड़ेदान में डाल दो। 


पुत्रः - पलांडोः त्वक् गोवत्साय न ददानि ?

      = प्याज का छिलका बछड़े को न दे दूँ ?


माता - नैव , पलांडोः त्वक् कदापि धेन्वे , गोवत्साय वा न देयम् ।

        = नहीं , प्याज का छिलका कभी भी गाय या बछड़े को नहीं देना चाहिये। 


        - धेनोः दुग्धे तस्य गन्ध आगमिष्यति। 

       = गाय के दूध में उसकी गंध आ जाएगी।


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बालकम् अङ्के स्वीकृत्य एका भगिनी लोकयानम् आरोहति। 

= बच्चे को गोदी में लेकर एक बहन बस में चढ़ रही है। 


तस्याः वामहस्ते बालकः अस्ति।

= उसके बाएँ हाथ में बच्चा है। 


तस्याः दक्षिणहस्ते स्यूतः अस्ति।

= उसके दाहिने हाथ में थैला है।


सा दक्षिणहस्तेन लोकयानस्य दण्डं गृह्णाति ।

= वह दाहिने हाथ से बस का डंडा पकड़ती है।


सा आरोहितुं न शक्नोति।

= वह चढ़ नहीं पाती है। 


लोकयानस्य प्रथमं सोपानं किञ्चिद् उपरि अस्ति।

= बस की पहली सीढ़ी थोड़ी ऊँची है। 


सा पुनः प्रयत्नं करोति। 

= वह पुनः प्रयत्न करती है। 


सा पुनः आरोहितुं न शक्नोति।

= वह फिर से चढ़ नहीं पाती है। 


तस्याः पृष्ठभागे एका महिला अस्ति।

= उसके पीछे एक महिला है। 


सा महिला बालकं गृह्णाति।

= वह महिला बच्चे को लेती है। 


सा भगिनी लोकयानम् आरोहति।

= वह बहन बस में चढ़ती है। 


महिला तस्यै बालकं ददाति। 

= महिला उसे बालक देती है। 


सा महिला अपि लोकयानम् आरोहति। 

= वह महिला भी बस में चढ़ती है।



कुर्वन्तु नित्यं संस्कृताभ्यासम्।।


कस्य = किसका , किसके


सः कस्य पुत्रः अस्ति ?

= वह किसका बेटा है ?


भवान् कस्य भ्राता अस्ति ?

= आप किसके भाई हैं ?


यस्य = जिसका , जिसके जिसकी


यस्य कोषे धनम् अस्ति सः दानं दद्यात् 

= जिसकी जेब में धन है वह दान दे 


तस्य = उसका , उसके उसकी


तस्य गृहम् अत्र नास्ति 


तस्य भगिनी भरतनाट्यं करोति 

= उसकी बहन भरतनाट्यं कर रही है ।


भवतः = आपका , आपकी , आपके 


भवतः ध्यानं कुत्र अस्ति ? 

= आपका ध्यान कहाँ है ? 


कस्याः = किसकी किसका किसके


कस्याः माता समाजसेवां करोति ? 

= किसकी माँ समाजसेवा करती है ?


यस्याः = जिसकी जिसका जिसके


यस्याः माता सुशिक्षिता अस्ति 

= जिसकी माँ सुसंस्कारिणी है । 


तस्याः = उसकी उसका उसके 


तस्याः लेखम् अहं पठितवान् 

= उसका लेख मैंने पढ़ा । 


मम = मेरा , मेरी , मेरे 


मम भ्राता उज्जैनं गतवान् अस्ति

= मेरे भैया उज्जैन गए हैं । 


तव = तेरा , तेरी , तेरे 


तव पाठशालायाः समयः जातः 

= तुम्हारी पाठशाला का समय हो गया ।




संस्कृत वाक्य अभ्यासः 

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जगदीश: संस्कृत प्रचारकः अस्ति 

= जगदीश संस्कृत प्रचारक है ।


सः आदिनम् आरात्रिश्च संस्कृतप्रचारं करोति 

= वह सारा दिन सारी रात संस्कृत प्रचार करता है । 


एकदा जगदीशः रात्रौ विलम्बेन आगच्छति स्म 

= एक बार जगदीश देर रात घर आ रहा था । 


सः गृहं प्रति आगच्छन् आसीत् तदा 

= वह घर की तरफ आ रहा था तब 


रक्षकः - कुत्र गच्छति ? 

          = कहाँ जा रहे हो ? 


जगदीश:  -  मम गृहं गच्छामि 

          = मेरे घर जा रहा हूँ । 


रक्षकः  - रात्रौ !!!  विलम्बेन !!!! 

           - रात में !!!!  देर से  !!!! 


रक्षकः  - कुत्र गतवान् आसीत् ? 

           = कहाँ गए थे  ? 


मेहुलः  - अमितस्य गृहं गतवान् आसम् 

          = अमित के घर गया था । 


रक्षकः  - किमर्थम् ? 

          = किसलिये ? 


जगदीश: - अमितः संस्कृतभाषायां स्वप्नं पश्यति स्म 

           = अमित संस्कृत में स्वप्न देख रहा था । 


जगदीश:  - सः स्वप्ने संस्कृतं विस्मृतवान् 

          = वह स्वप्न में संस्कृत भूल गया 


जगदीश: - अमितस्य संस्कृतमयं स्वप्नं निर्विघ्नं सम्पन्नम् भवेत् 

          = अमित का संस्कृतमय सपना निर्विघ्न सम्पन्न हो 


जगदीश: - तदर्थम् अहं तस्य गृहं गतवान् 

         = इसलिए मैं उसके घर गया था । 


एतद् श्रुत्वा रक्षकः संभ्रमितः जातः 

 = यह सुनकर रक्षक भ्रमित हो गया। 

( he was confused ) 


रक्षकः  - स्वप्नम् ..... संस्कृतम् .....

            संस्कृतम् ..... स्वप्नम् ....



संस्कृत वाक्याभ्यासः  

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* भवान् / भवती रात्रौ कुत्र आसीत् ?  

   = आप रात में कहाँ थे /  थीं ? 


** रात्रौ अहं कर्णावतीनगरे आसम् ।

   = रात में मैं अहमदाबाद में था / थी 


* कर्णावत्याः कस्मिन् विस्तारे आसीत् ? 

  = अहमदाबाद के कौनसे विस्तार में थे / थीं ? 


** कर्णवत्याः बोपल विस्तारे आसम् ।

   = अहमदाबाद के बोपल विस्तार में था / थी 


* तत्र किं करोति स्म ? 

  = वहाँ क्या रहे थे / रही थीं ? 


** तत्र मम छात्राणां निवास-व्यवस्थां  द्रष्टुम् अगच्छम् ।

    = वहाँ मेरे छात्रों की निवास व्यवस्था देखने गया था ।


** कर्णावत्याम् एव रात्रौ निवासं कृतवान् ।

    = अहमदाबाद में ही रात सोया / सोई 


* इतः कुत्र गमिष्यति ? 

  = यहाँ से कहाँ जाएँगे / जाएँगी ?


** इतः नडियादं गमिष्यामि ।

   = यहाँ से नडियाद जाऊँगा / जाऊँगी 


* तत्र किम् अस्ति ? 

  = वहाँ क्या है ? 


** तत्र संस्कृत-सम्भाषण-वर्गः चलति। 

   = वहाँ संस्कृत सम्भाषण वर्ग चल रहा है ।




ओह ... सार्ध अष्टवादनं जातम्। 

= ओह ... साढ़े आठ बज गए 


अधुना अपि स्नानं न कृतम् 

= अभी तक स्नान नहीं किया


प्रौञ्छवस्त्रं कुत्र अस्ति ?

= तौलिया कहाँ है ?  


फेनकं कुत्र अस्ति ? 

= साबुन कहाँ है ? 


द्रोणी अपि रिक्ता अस्ति।

= बाल्टी भी खाली है। 


जलं न पूरितम् ।

= पानी नहीं भरा है। 


न ... न ... अद्य स्नानगृहे न गास्यामि। 

= नहीं .. आज स्नानघर में नहीं गाऊँगा। 


हो..हो ... शीघ्रं शीघ्रं जलम् आगच्छ 

= हो  हो  जल्दी जल्दी पानी आओ 


मां स्नानं कारय 

= मुझे स्नान करा दो 


ओ जलदेवता !  ओ जलदेवता ! 


अभवत् .. स्नानम् ... अभवत् ।

= हो गया  स्नान हो गया ।


केशतैलं कुत्र ? 

= केशतेल कहाँ है ? 


कङ्कतं कुत्र अस्ति ? 

= कंघा कहाँ है ? 


आम् ... अहं सिद्ध: ।

= हाँ ... मैं तैयार हो गया। 


😀😃


-- अखिलेश आचार्य


संस्कृत वाक्य अभ्यास - 12 के लिए यहाँ 👇🏻 क्लिक करें

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