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13) संस्कृत वाक्य अभ्यास

 संस्कृत वाक्य अभ्यास



Sanskrit sentence study



नूतनानि वस्त्राणि सः धारितवान्। 

= उसने नए वस्त्र पहने। 


सर्वे प्रशंसां कृतवन्तः। 

= सबने प्रशंसा की। 


सर्वे पृष्टवन्तः । 

= सबने पूछा। 


कुतः क्रीतवान् ? 

= कहाँ से खरीदे ? 


मूल्यं किम् अस्ति ? 

= कीमत क्या है ? 


सः आपणस्य नाम उक्तवान्। 

= उसने दूकान का नाम बताया। 


सः मूल्यम् अपि उक्तवान्।

= उसने कीमत भी कही। 


सर्वे उक्तवन्तः - वस्त्राणां संयोजनं बहु योग्यम् अस्ति। 

= सभी ने कहा - कपड़ों की फिटिंग अच्छी है। 


सर्वेषां प्रशंसां श्रुत्वा सः प्रसन्नः अभवत्।

= सबकी प्रशंसा सुनकर वह खुश हुआ। 


अद्य तृतीयं दिनम् अस्ति 

= आज तीसरा दिन है 


सः तानि एव वस्त्राणि धारयित्वा बहिः गतवान्। 

= वो वही कपड़े पहनकर बाहर गया है।


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बालकः  -  देहि  देहि  भो: ।

             = दे दो न ।

Boy - Give it.


           आम् मम कन्दुकम् अस्ति ।

            = हाँ मेरी गेंद है । 

            Yes i have a ball.


           पुनः तव गृहे कन्दुकं न आगमिष्यति ।

           = फिर से तुम्हारे घर नहीं आएगी । 

          Will not come to your house again.


           अहम् अधुना ध्यानपूर्वकं क्रीडिष्यामि 

            = अब मैं ध्यान से खेलूँगा । 

           Now I will play carefully.


              त्वं मम भगिनी असि ।

              = तुम मेरी बहन हो । 

                you are my sister .


             देहि , मम कन्दुकं देहि 

              = दे दो , मेरी गेंद दे दो । 

             Give, give me the ball.


बालिका - मम माता शयनं करोति (शेते )

             = मेरी माँ सो रही है । 

Girl - My mother is sleeping.


           - त्वं ध्वनिं कृत्वा क्रीडसि 

            = तुम आवाज़ कर के खेलते हो । 

            You play with voice.


           - अहं कन्दुकं न दास्यामि ।

           = मैं गेंद नहीं दूँगी । 

           I will not give the ball.


           - अहं तव कन्दुकेन अत्र क्रीडिष्यामि ।

           = मैं तुम्हारी गेंद से यहाँ खेलूँगी । 

          I will play with your ball here.


बालकः -  तर्हि भगिनी , त्वमपि बहिः आगच्छ 

           = तो फिर बहन , तुम भी बाहर आ जाओ ।

Boy - Then sister, you too come out.


           - मया सह क्रीड ।

           = मेरे साथ खेलो ।

            play with me.


           - आवां  ध्वनिं न करिष्यावः ।

           = हम दोनों आवाज नहीं करेंगे ।

         We both will not make a sound.


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माता - चल पुत्र ! रुग्णालयं चल।

       = चलो बेटा ! अस्पताल चलो।


पुत्रः - किमर्थम् ? 

       = क्यों ? 


माता - तव मतुलः रुग्णः अस्ति।

       = तुम्हारे मामा बीमार हैं। 


पुत्रः - आं चलामि।

      = हाँ चलता हूँ। 


माता - तव कृते कूप्यां जलं स्वीकृतवती।

       = तुम्हारे लिये बोतल में पानी ले लिया है। 


         मातुलस्य चषकेन जलं मा पिब ।

        = मामा के गिलास से पानी मत पीना।


        - सः तु रुग्णः।

        = वो तो बीमार है। 


        -रुग्णस्य चषकेन जलं न पेयम् ।

        =  बीमार के गिलास से पानी नहीं पीना चाहिये। 


पुत्रः - सः तु मम मातुलः अस्ति। 

       = वह तो मेरे मामा जी हैं। 


माता - सः तव मातुलः ... तद् सत्यम् ।

        = वो तुम्हारे मामाजी हैं ... वो सच है। 


        - अधुना सः रुग्णः।

        = अभी वो बीमार है।


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तस्य गृहं बहु पुरातनम् आसीत् । 

= उसका घर बहुत पुराना था । 


गृहं बहु जर्जरितम् आसीत् । 

= घर बहुत जर्जरित था 


तथापि सः तस्मिन् गृहे निवसति स्म । 

= फिर भी वह उस घर में रहता था 


अनेके जनाः तम् अवदन् । 

= अनेक लोगों ने उससे कहा 


"गृहस्य समीकरणं कारयतु ।" 

= घर की रिपेरींग करा लीजिये 


तथापि सः न अकारयत् । 

= फिर भी उसने नहीं करवाया 


अद्य रात्रौ तस्य गृहस्य एकः भागः पतितः 

= आज उसके घर का एक भाग गिर गया 


गृहस्य सर्वे जनाः सुरक्षिताः सन्ति । 

= घर के सभी लोग सुरक्षित  हैं। 


कोsपि न हताहतः । 

= कोई भी हताहत नहीं हुआ ।


संस्कृत वाक्य अभ्यासः 

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ट्रिन ट्रिन ....... ट्रिन ट्रिन ..... 


हरिओम्  = हैल्लो 


कः वदति ? 

= कौन बोल रहा है ? 


(न श्रूयते = नहीं सुनाई पड़ रहा है 


अतः उच्चै: वदति 

= अतः जोर से बोलता है )


कः वदति ?  = कौन बोल रहा है ? 


∆  अहम् बद्रीनाथतः वदामि 

     = मैं बद्रीनाथ से बोल रहा हूँ । 


∆  अत्र वयं सर्वे कुशलिनः 

     = यहाँ हम सभी सकुशल हैं । 


∆ भवान् केवलं श्रृणोतु 

    = आप केवल सुनिये 


∆ किमपि मा वदतु 

    = कुछ भी मत बोलिये 


∆ मार्गे दूरभाष सम्पर्कः न भवति 

    = रास्ते में फोन संपर्क नहीं होता है 


∆ मध्ये मध्ये सम्पर्कः अवरुध्यते  

    = बीच बीच में सम्पर्क कट रहा है 


∆ तत्र सर्वं कुशलम् अस्ति खलु ? 

    = वहाँ सब कुशल है न ? 


आम् अत्र सर्वं कुशलम् अस्ति 

= हाँ , यहाँ सब कुशल है । 


∆ अस्तु , तर्हि  समापयामि सम्वादम् 

    = ठीक है , तो बात पूरी करता हूँ ।



संस्कृत वाक्य अभ्यासः 

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सायंकाले राजेशः गृहम् आगत्य अवदत् 

= शाम को राजेश घर आकर बोला 


अहम् अद्य बहु श्रान्तः अस्मि 

= आज मैं बहुत थका हुआ हूँ । 


अद्य किमपि खादितुं न इच्छामि 

= आज कुछ भी खाना नहीं चाहता हूँ 


शीघ्रमेव शयनं कर्तुम् इच्छामि 

= जल्दी से सो जाना चाहता हूँ । 


अहमपि अधिकां वार्ताम् न करोमि 

= मैं भी अधिक बात नहीं करता हूँ । 


ईशोपासनाम् करोमि 

= ईश्वर की उपासना करता हूँ । 


आ..हा  अद्य सुखेन शयनं करिष्यामि 

= आहा , आज सुख से नींद करूँगा ।


पत्नी - अद्य दुग्धं न पास्यति वा ? 

        = आज दूध नहीं पियेंगे क्या ? 


पत्नी - दुग्धम् उष्णं कृतवती अहम् 

       = दूध गरम कर दिया है । 


पत्नी - दुग्धं पीत्वा शयनं करोतु 

        = दूध पीकर सोईए ।


पत्नी - भोजनं न करोति चेत् चलिष्यति 

       = भोजन नहीं करेंगे तो चलेगा ।



संस्कृत वाक्याभ्यासः  

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ह्यः  मध्याह्ने एकं भोजन-समारोहं गतवान् ।

= कल दोपहर एक भोजन समारोह में गया था ।


तत्र एकः  सज्जनः अवदत् 

= वहाँ एक सज्जन बोला 


अहं मधुमेह रोगेण पीड़ितः अस्मि।

= मैं मधुमेह रोग से पीड़ित हूँ 


अतः रसगोलकं न खादामि ।

= इसलिए रसगुल्ला नहीं खाता हूँ ।


अपरः जनः अवदत् ।

= दूसरा व्यक्ति बोला 


मम हृद्रोगः अस्ति 

= मुझे हृदय रोग है 


अतः दुग्धछिन्नकं न खादामि ।

= इसलिये पनीर नहीं खाता हूँ ।


एका भगिनी उक्तवती 

= एक बहन बोली 


अहं बहु स्थूला अस्मि ।

= मैं बहुत मोटी हूँ 


अतः तैलीयं ( तैलयुक्तम् ) किमपि न खादामि ।

= इसलिये तेल वाला कुछ नहीं खाती हूँ ।


एकः वृद्धः अवदत् ।

= एक वृद्ध बोला 


अहं तु फलानि एव खादामि ।

= मैं तो फल ही खाता हूँ ।


बालकः अवदत् ।

= बालक बोला 


अहं तु सर्वं खादामि ।

= मैं तो सब कुछ खाता हूँ ।



संस्कृत वाक्य अभ्यासः 

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सः गद्दवक्ता अस्ति 

= वह तोतला है । 


सः स्पष्टम् वक्तुम् न शक्नोति 

= वह स्पष्ट बोल नहीं सकता है । 


तथापि सः संस्कृतभाषायां वदति 

= फिर भी वह संस्कृत में बोलता है । 


सः अस्पष्टम् वदति 

= वह अस्पष्ट बोलता है 


मम्म नाम गिलि...तः....ह 

(मम नाम गिरीशः )

= मेरा नाम गिरीश है । 


अ...हम्    ता..त्...ल...ह  अ...त् मि 

( अहं छात्रः अस्मि ) 

= मैं छात्र हूँ । 


मम्म मा..ता  आ...गत् तति 

( मम माता आगच्छति ) 

= मेरी माँ आ रही है । 


मम्म मा...ता..  अ..पि   तं ..क..लि.तम्  दानाति 

( मम माता अपि संस्कृतं जानाति )

= मेरी माँ भी संस्कृत जानती है 


ब व्व आ न् ... क त्तं ...  अ त्ति 

( भवान् कथम्  अस्ति ) 

= आप कैसे हैं ? 


ब व्व ती  कु त् ल्  गच् च ति 

( भवती कुत्र गच्छति ? )

= आप कहाँ जा रही हैं ? 


{ जब एक तोतला बच्चा संस्कृत में बोल सकता है तो हम क्यों पीछे रहें ।


आईये संस्कृत में बोलें }



संस्कृत वाक्य अभ्यासः 

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पितामहः - अहं तव कार्यालयं द्रष्टुम् आगतवान् अस्मि 

             = मैं तुम्हारा कार्यालय देखने आया हूँ । 


पौत्रः - स्वागतम् ,  पितामह , आगच्छतु 

        = स्वागत है दादाजी , आईए 


पितामहः - तव कार्यालयः तु काचेन निर्मितः अस्ति 

            = तुम्हारा कार्यालय तो काँच से बना है । 


पौत्रः - आम् , काचस्य भित्तयः सन्ति

        = हाँ काँच की दीवालें हैं  


पौत्रः  - काचस्य द्वाराणि सन्ति 

        = काँच के दरवाजे हैं । 


पितामहः - त्वं कुत्र उपविशसि 

         = तुम कहाँ बैठते हो 


पौत्रः - अहम् अत्र काचस्य पृष्ठे उपविशामि 

       = मैं यहाँ काँच के पीछे बैठता हूँ ।


पौत्रः  - काचस्य अग्रे जवनिका अस्ति 

         = काँच के आगे पर्दा है । 


पितामहः - अतः बहिष्टात् कोsपि न दृश्यते 

            = इसलिए बाहर से कोई नहीं दिखता है । 


पौत्रः  - अहम् इतः सर्वान् दृष्टुम् शक्नोमि 

        = मैं यहाँ से सबको देख सकता हूँ 


पितामहः - एवं वा ? 

              = ऐसा क्या ? 


पितामहः  - तव कार्यालये तु बहु शान्तिः अस्ति  

              = तुम्हारे कार्यालय में तो बहुत शान्ति है । 


पौत्रः - आम्  , अत्र सर्वे सर्वदा कार्यमग्नाः एव भवन्ति 

        = हाँ यहाँ सभी हमेशा काम में मगन रहते हैं । 


पौत्रः - अत्र कोलाहलः कदापि न भवति 

        = यहाँ आवाज़ कभी नहीं होती है ।


पितामहः  - तव कार्यालयः मह्यम् अरोचत् 

       = तुम्हारा कार्यालय मुझे अच्छा लगा ।




बालकाय आम्रफलं रोचते 

= बच्चे को आम पसंद है। 


बालिकायै आम्रफलं रोचते 

= बच्चे को आम पसंद है। 


बालकाः स्वादेन अधिकं खादन्ति। 

= बच्चे स्वाद से अधिक खा लेते हैं 


आम्रफलं अधिकं खादन्ति तर्हि पित्तं वर्धते ।

= आम अधिक खाते हैं तो पित्त बढ़ता है। 


बालकस्य मुखे पिटकानि जातानि।

= बच्चे के मुँह पर फुंसियाँ हो गई हैं। 


सः बालकः रोदिति। 

= वह बच्चा रो रहा है। 


अधुना माता बालकाय आम्रफलं न ददाति। 

= अब माँ बच्चे को आम नहीं देती है। 


माता स्वयमपि आम्रफलं न खादति। 

= माँ स्वयं भी आम नहीं खाती है। 


अधुना सा तरंबूजम् आनयति।

= अब वो तरबूज लाती है। 


बालकः तरंबूजं खादति। 

= बालक तरबूज खाता है। 


माता अपि खादति। 

= माँ भी खाती है।



--- अखिलेश आचार्य


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