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31) संस्कृत वाक्य अभ्यास

 संस्कृत वाक्य अभ्यास

Sanskrit sentence study





त्वं कदा प्रभृतिः अत्र निवससि ? 

= तुम कब से यहाँ रहते हो ? 


भवान् / भवती कदा प्रभृतिः अत्र निवसति  ? 

= आप  कब से यहाँ रहते हैं / रहती हैं  ? 


अहं बाल्यात्  प्रभृतिः अत्र निवसामि ।  

= मैं बचपन से यहाँ रहता हूँ । 


मम मित्राणि स्वतंत्रतायाः (स्वाधीनतायाः)  प्रभृतिः अत्र निवसन्ति ।  

= मेरे मित्र स्वतंत्रता के बाद से  यहाँ रहते हैं । 


तस्मात् पूर्वं ते कुत्र निवसन्ति स्म ? 

= उससे पहले वे कहाँ रहते थे ?


तस्मात्  पूर्वं ते सिन्ध प्रान्ते निवसन्ति स्म । 

= उससे पहले वे सिन्ध प्रांत में  रहते थे । 


सिन्धप्रान्तम् अपि अस्माकम् एव आसीत् । 

= सिन्ध प्रान्त भी  हमारा ही था । 


आम् , बलूचिस्तान अपि अस्माकम् एव आसीत् । 

= हाँ , बलूचिस्तान  प्रान्त भी  हमारा ही था । 


गांधारः  अपि अस्माकम् एव आसीत् । 

= गांधार  भी  हमारा ही था । 


अस्माकं किं किम् आसीत् ? 

= हमारा क्या क्या था ? 


लिखन्तु    =    लिखिये ।


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भार्या - श्रृणोति वा ? 

         = सुनते हैं ? 


         मुन्नू न खादति ।

        = मुन्नू नहीं खा रहा है ।


पतिः - खादिष्यति ।

        = खाएगा ।


       - शनैः शनैः खादयतु। 

       = धीरे धीरे खिलाओ ।


भार्या -  कियत् शनैः भो: ??? 

        = कितना धीरे जी ??? 


        - एकं लवं दश निमेषे खादति। 

        = एक निवाला दस मिनट में खाता है। 


पतिः - चिन्ता मास्तु , सः खादिष्यति। 

        = चिन्ता मत करो वह खाएगा। 


         - एतस्मै क्रीडनकं देहि। 

         = इसको खिलौना दो ।


भार्या - क्रीडनकं दत्तवती , पश्यतु। 

         = खिलौना दे दिया , देखिये। 


पतिः - तर्हि एतं गीतं श्रावयतु।

        = तो फिर इसको गाना सुनाओ। 


भार्या - गीतं तु भवानेव जानाति।

        = गाना तो आप ही जानते हैं । 


पतिः - बालगीतस्य पुस्तकं देहि। 

        = बालगीत की पुस्तक दो। 


        - गातुं प्रयत्नं करोमि।

        = गाने का प्रयास करता हूँ।


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इदानीम् अहं केरले अस्मि।

= अभी मैं केरल में हूँ। 


एकस्मिन् विवाहसमारोहे अस्मि। 

= एक विवाह समारोह में हूँ। 


प्रातः दशवादने सर्वे एकं मन्दिरं गतवन्तः।

= सुबह दस बजे सभी एक मंदिर गए। 


तत्र वरः वधूश्च आगत्य एकं पात्रं शालिना पूरितवन्तौ। 

= वहाँ वर वधू ने एक पात्र को धान से भर दिया।


मन्दिरस्य अर्चकः तुलसीमाले आनीतवान्।

= मंदिर का पुजारी दो तुलसी मालाएँ लाया। 


मन्दिरस्य द्वारे बृहद्दीपम् आसीत्।

= मंदिर के पास बड़ा दीप था। 


तत्रैव वरवधू: परस्परं तुलसीमाल्यार्पणं कृतवन्तौ।

= वहीं वर वधू ने एकदूसरे को तुलसी  माला पहनाई। 


मृदङ्गवादकः मृदङ्गं वादयति स्म। 

= मृदङ्गवादक मृदङ्ग बजा रहा था। 


श्रृङ्गीवादकः श्रृङ्गीं वादयति स्म। 

= शहनाई बजाने वाला शहनाई बजा रहा था। 


नादस्वरं श्रुत्वा बहु आनन्दः आगतः।

= नादस्वर सुनकर बहुत आनंद आया।


अधुना सर्वे सध्यां खादन्ति।

= अभी सब सध्या खा रहे हैं। 


( केरले विवाहस्य भोजनस्य नाम सध्या अस्ति। 

= केरल में विवाह के भोजन का नाम  सध्या है। )



संस्कृत वाक्य अभ्यासः

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यू ट्यूब " नाम्ना एका जाल-सुविधा अस्ति |

= यू ट्यूब नाम से एक नेट सुविधा है


यस्मिन् जालपुटे परिचलचित्राणि भवन्ति |

= जिस नेट एंजिन में वीडियो फ़िल्में होती हैं ।


विविधानां विषयानां परिचलचित्राणि तत्र भवन्ति

= विविध विषयों की वीडियो फ़िल्में वहाँ होती हैं ।


यू ट्यूब मध्ये संस्कृत-विषयस्यपरिचलचित्राणि अपि सन्ति

= यू ट्यूब में संस्कृत विषय की भी वीडियो हैं ।


ये संस्कृतं पठितुम् इच्छन्ति ते पश्यन्तु

= जो देखना चाहते हैं वे देखें ।


अवश्यमेव पश्यन्तु

= अवश्य ही देखिये ।


वैदिक-प्रवचनानिअपि सन्ति

= वैदिक प्रवचन भी हैं ।


वेदपाठः अपि यू ट्यूब मध्ये लभते

= वेदपाठ भी यु ट्यूब में मिलता है ।


संस्कृत-वार्तावलीम् अपि द्रष्टुम् शक्ष्यन्ति |

= संस्कृत वार्तावली भी देख सकेंगे ।


मम निवेदनं कृपया यू ट्यूब तस्य सदुपयोगं कुर्वन्तु

= मेरा निवेदन है यू ट्यूब का सदुपयोग करिये ।



संस्कृतं वद आधुनिको भव।

वेदान् पठ वैज्ञानिको भव।।



संस्कृताभ्यास - 1


पाठ (१) प्रथमा विभक्ति


कर्त्तृवाच्य में कर्त्ता (=क्रिया को करनेवाला) कारक में प्रथमा विभक्ति होती है यथा-


विक्रमः पठति = विक्रम पढ़ता है/ पढ़ रहा है।

माला पचति = माला पकाती है/ पका रही है।

उपाध्यायः आगच्छति = उपाध्याय आ रहा है/ रहे हैं।

कुक्कुरः शेते = कुत्ता सो रहा है।

मार्जारः पिबति = बिल्ली पी रही है।

पक्षिणः उड्डयन्ति = पक्षी उड़ रहे हैं।

अहं गच्छामि = मैं जा रहा हूं/ जा रही हूं।

आवां यजावः = हम दोनों यज्ञ कर रहे हैं/ कर रही हैं।

वयं उपविशामः = हम सब बैठ रहे हैं/ रही हैं।

गोपालः दोग्धि = गोपाल दुह रहा है।

शाकविक्रेता विक्रीणाति = सब्जी बेचनेवाला बेच रहा है।

ग्राहकः क्रीणाति = ग्राहक खरीद रहा है।

भक्तः प्रार्थयति = भक्त प्रार्थना कर रहा है।

त्वं सत्यापयसि = तू सत्य कह रहा है/ रही है।

युवां यमयतः = तुम दोनों यम का पालन कर रहे हो/ रही हो।

यूयं नियमतः = तुम सब नियम का पालन कर रहे हो/ रही हो।

सः शब्दायते = वह शोर कर रहा है।

तौ कलहायेते = वे दोनों लड़ रहे हैं।

ते करुणायन्ते = वे सब करुणा की अनुभूति कर रहे हैं।

कुम्भकारः घटयति = कुम्हार घड़ा बना रहा है।

तन्तुवायः वस्त्रयति = जुलाहा कपड़ा बुन रहा है।

चित्रकारः चित्रयति = चित्रकार चित्र बना रहा है।

भर्जकः भर्जयति = बड़भुजा (भूननेवाला) भून रहा है।

सूचिकः सिव्यति = दरजी सिलाई कर रहा है।

चर्मकारः निर्मापयति = चमार बना रहा है।

माता सम्भाण्डयते = माता बर्तनों को ठीक रख रही है।

भगिन्यौ वस्त्रस्त्रयतः = दो बहनें कपड़े धो रही हैं।

गृहस्थः तपस्यति = गृहस्थ जपस्या कर रहा है।

बालः सुखायते = बच्चा सुख की अनुभूति कर रहा है।

वाष्पस्थाली वाष्पायते = कुकर में से भाप निकल रही है।

रेलयानं ध्रूम्रायते = रेलगाड़ी से धूंआ निकल रहा है।

बालः उत्सुकायते = बालक उत्सुकता दिखा रहा है/ उत्सुक है।

नेत्रे लोहितायेते = दोनों आंखें लाल हो रही हैं।

मूर्खः पण्डितायते = मूर्ख पडित जैसा आचरण/व्यवहार कर रहा है।

पाचिका पिपक्षति = भोजन पकानेवाली पकाना चाहती है।

तृषितः पिपासति = प्यासा पीना चाहता है।

विद्यार्थी पिपठिषति = विद्यार्र्थी पढ़ना चाहता है।

जिज्ञासु जिज्ञासति = जिज्ञासु जानना चाहता है।

शिष्या पिपृच्छिषति = शिष्या पूछना चाहती है।

रोगी मुमूर्षति = रोगी मरना चाहता है।

द्रष्टा दिदृक्षते = देखनेवाला देखना चाहता है।

बाला रुरुदिशति = बच्ची रोना चाहती है/ रोनेवाली है।

जेता जिगीषति = जीतनेवाला जीतना चाहता है।

उपासकः उपासिषते = भक्त उपासना करना चाहता है।

श्रान्तः सुषुप्सति = थका हुआ व्यक्ति सोना चाहता है।

स्वसा पापच्यते = बहन बार-बार पकाती है/ खूब पकाती है।

धावकः दाधाव्यते = दौड़नेवाला खूब दौड़ता है/बार-बार दौड़ता है।

अग्निः जाज्वल्यति = अग्नि खूब तप रही है।

सूर्यः दोधूप्यते = सूर्य खूब तप रहा है।

सेविका सिषेव्यते = सिलाई करनेवाली खूब सिलती है/ बार-बार सिलती है।

रजकः पाप्रक्षाल्यते = धोबी बार-बार धोता है/खूब धोता है।

वाचालः वावद्यते = जल्पी (बकवादी) बहुत बोलता है।

चलचित्रदर्शी दरीदृश्यते = सिनेमा देखने का शौकीन खूब/ बार-बार देखता है।

कृषकः करीकृष्यते = किसान बार-बार हल जोतता है।


प्रबुद्ध पाठकों से निवेदन है कृपया त्रुटियों से अवगत कराते नए सुझाव अवश्य दें.. ‘‘आर्यवीर’’


अनुवादिका : आचार्या शीतल आर्या (पोकार) (आर्यवन आर्ष कन्या गुरुकुल, आर्यवन न्यास, रोजड, गुजरात, आर्यावर्त्त)

टंकन प्रस्तुति : ब्रह्मचारी अरुणकुमार ‘‘आर्यवीर’’ (आर्ष शोध संस्थान, अलियाबाद, तेलंगाणा, आर्यावर्त्त)


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अद्य प्रातः तस्य दूरवाणी आसीत् ।

= आज सुबह उसका फोन था ।


सः बहु दूरतः वदति स्म। 

= वह बहुत दूर से बोल रहा था 


सः कुतः वदति स्म ? 

= वह कहाँ से बोल रहा था ? 


कथं लिखानि ? 

= कैसे लिखूँ ? 


कथं वदानि ? 

= कैसे कहूँ ? 


तेन उक्तम् .... 

= वह बोला .... 


" देशसेवार्थम् अत्र अस्मि " 

= देशसेवा के लिये यहाँ हूँ 


" कुत्र अस्मि तद् न वदिष्यामि"

= कहाँ हूँ यह नहीं कहूँगा 


" केवलं भवतः आशीर्वादं याचे " 

= केवल आपका आशीर्वाद चाहता हूँ 


अहम् अवदम् ।

= मैं बोला 


विजयी भव 

= विजयी हो 


भारतमातुः जयः भवेत्


कदलीवृक्षे पुष्पम् अपि भवति।

= केले के पेड़ पर फूल भी होते हैं।


पुष्पं बहु दीर्घं भवति।

= फूल बहुत बड़ा होता है। 


तद् पुष्पं यदा अपक्वं भवति तदा कर्त्यते। 

= वो फूल जब कच्चा होता है तब काटा जाता है। 


दक्षिणभारतीयाः जनाः तस्य शाकं प्रचुरं खादन्ति।

= दक्षिण भारत के लोग उसकी सब्जी अधिक खाते हैं। 


तद् शाकम् अहं खादितवान्। 

= वो सब्जी मैंने खाई। 


बहु स्वादिष्टं भवति।

= बहुत स्वादिष्ट होती है।


लवणयुक्ते जले कदलीपुष्पं क्वथ्यते।

= नमकीन पानी में केले का फूल उबाला जाता है। 


अनन्तरं तस्य शाकं निर्मीयते। 

= उसके बाद उसकी सब्जी बनाई जाती है। 


मधुमेहरोगिणः एतद् शाकं  खादन्ति। 

= मधुमेह के रोगी इस सब्जी को खाते हैं। 


अपक्वं कदलीफलम् अपि आपणे मिलति।

= कच्चा केला भी बाजार में मिलता है।


तस्य अपि शाकं महिलाः पचन्ति।

= उसकी भी सब्जी महिलाएँ बनाती हैं।



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अधुना अमेरिकायाः ह्यूस्टन नगरे अस्मि। 

= अभी अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हूँ। 


भवान् / भवती कुत्र अस्ति ? 

= आप कहाँ हैं ? 


सर्वेषाम् उत्तरम् -  अहमपि ह्यूस्टन नगरे अस्मि। 

= सबका उत्तर - मैं भी ह्यूस्टन शहर में हूँ। 


कथम् ? = कैसे ? 


अहं दूरदर्शनेन अमेरिकायां चलमानं कार्यक्रमं पश्यामि। 

= मैं दूरदर्शन द्वारा अमेरिका में चल रहे कार्यक्रम को देख रहा हूँ। 


गुजरातस्य गरबा नृत्यं दृष्टवान्। 

= गुजरात का गरबा देखा। 


पंजाबस्य भाँगड़ा नृत्यं दृष्टवान्। 

= पंजाब का भाँगड़ा देखा। 


ओड़िसी नृत्यं दृष्टवान्। 

= ओड़िसी नृत्य भी देखा। 


शास्त्रीयं सङ्गीतं श्रुतवान्। 

= शास्त्रीय संगीत सुना। 


भारतीयपाश्चात्यसङ्करं नृत्यं दृष्टवान्। 

= भारतीय पाश्चात्य मिलाजुला नृत्य देखा। 


सर्वे भारतीयाः नरेन्द्र मोदी महोदयस्य प्रतीक्षां कुर्वन्तः सन्ति।

= सभी भारतीय नरेंद्र मोदी जी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 


अहं सम्पूर्णं कार्यक्रमं द्राक्ष्यामि। 

= मैं पूरा कार्यक्रम देखूँगा।


संस्कृत वाक्य अभ्यासः  

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श्रेष्ठी देवप्रकाशः एक-लक्ष रूप्यकाणि अददत् 

= सेठ देवप्रकाश ने एक लाख रूपए दिये ।


माता रजनीदेवी एकपञ्चाशत-सहस्त्र रुप्यकाणि अददत् 

= माता रजनीदेवी ने इक्यावन हजार दिये । 


सत्कार्ये सर्वे दानं ददति 

= सत्कार्य में सभी दान दे रहे हैं । 


भवन्तः / भवत्यः अपि ददतु ।

= आप सभी भी दीजिये । 


हरिदासः पञ्चविंशति-सहस्त्र रुप्यकाणि ददाति 

= हरिदास पच्चीस हजार दे रहे हैं । 


रामेश्वरः एकादश-सहस्त्र रुप्यकाणि अयच्छत् 

= रामेश्वर ने ग्यारह हजार दिये 


(तदानीम् एकः निर्धनः आगच्छति 

 = तभी एक निर्धन आता है । ) 


* मम अपि एकादश-रुप्यकाणि लिखतु 

  = मेरे भी ग्यारह रुपये लिखिये । 


* मम पार्श्वे केवलं एतावद् एव धनम् अस्ति 

  = मेरे पास केवल इतना ही धन है । 


* मम नाम अपि मा वदतु ।

  = मेरा नाम भी मत बोलिये ।  


* निर्धनानां विद्यार्थीनां कृते दानं स्वीक्रियते खलु !

  = निर्धन विद्यार्थियों के लिये दान लिया जा रहा है न !


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अहं तं बीमाशुल्कम्  सूचितवान् 

= मैंने उसे बीमा प्रीमियम बताया ।


सः त्वरितमेव धनगणनाम् आरब्धवान्। 

= उसने तुरन्त धन गिनना शुरू कर दिया। 


एकम् 


द्वे 


त्रीणि 


चत्वारि 


पञ्च 


षट्


सप्त 


अष्ट 


नव  


दश 


एकादश 


द्वादश 


त्रयोदश 


चतुर्दश 


पञ्चदश 


षोडश 


सप्तदश 


अष्टादश 


नवदश 


विंशतिः 


एकविंशतिः 


द्वविंशतिः 


त्रयोविंशतिः 


चतुर्विंशतिः 


पञ्चविंशतिः 


षड्विंशतिः 


सप्तविंशतिः 


सः तु सप्तविंशतिः पर्यन्तं गणनां कृतवान्। 

= उसने सत्ताईस तक गिन लिया। 


सः मह्यम् सप्तविंशतिः सहस्रं दत्तवान्।

= उसने मुझे सत्ताईस हजार दिये। 


मया उक्तं " न , केवलं एकविंशतिः सहस्रमेव भवति।" 

= मैंने कहा " नहीं केवल इक्कीस हजार ही होते हैं।" 


अहं षड्सहस्रं तस्मै प्रत्यर्पितवान्। 

= मैंने उसे छः हजार वापस किये।  


सः अवदत् - " भवति मम विश्वासः अस्ति।" 

= उसने कहा - "आप पर मुझे विश्वास है" 


अधुना सः पुनः गणयति। 

= अभी वह फिर से गिन रहा है। 


मह्यं केवलं एकविंशतिः सहस्रं दास्यति।

= मुझे केवल इक्कीस हजार देगा। 


भवन्तः / भवत्यः अपि गणयन्तु।

= आप भी गिनिये।



संस्कृत वाक्याभ्यासः 

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सः कियत् धनम् अर्जयति ? 

= वह कितना धन कमाता है ? 


सः कियत् धनव्ययं करोति ? 

= वह कितना धन खर्च करता है ? 


सः कियत् धनं संचयति ? 

= वह कितना धन बचाता है ? 


सः कियत् धनं दानं करोति ?

= वह कितना धन दान करता है


सः कियत् अपव्ययं करोति ? 

= वह कितना अपव्यय करता है ? 


सः सर्वदा मूल्यं पृष्टवा एव वस्तूनि क्रीणाति ।

= वह हमेशा मूल्य पूछ कर ही वस्तु  खरीदता है



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सुभाषस्य गृहं गतवान् अहम् ।

= सुभाष के घर मैं गया। 


सः मोदकम् अखादयत्।

= उसने लड्डू खिलाया ।


अनन्तरं देवेशस्य गृहं गतवान् अहम् ।

= उसके बाद देवेश के घर गया। 


सः नारिकेलम् अखादयत्।

= उसने नारियल खिलाया। 


अनन्तरम् अर्चनायाः गृहं गतवान् अहम् ।

= उसके बाद अर्चना के घर गया। 


सा मोमकम् अखादयत्।

= उसने पेड़ा खिलाया।


अनन्तरम् सुमित्रायाः गृहं गतवान् अहम् ।

= उसके बाद सुमित्रा के घर गया। 


सा सैंयावम् अखादयत्।

= उसने हलुआ खिलाया।


अधुना किमपि खादतुं न इच्छामि।

= अब कुछ नहीं खाना चाहता हूँ। 


अधुना गृहम् आगत्य तक्रं पिबामि।

= अभी घर आकर छास पी रहा हूँ।

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अद्य केशवः अनुपस्थितः आसीत्। 

= आज केशव अनुपस्थित था। 


किमर्थम् ? 

= क्यों ? 


अद्य केशवस्य मातुः स्वास्थ्यं सम्यक् नास्ति।

= आज केशव की माता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। 


केशवः मातरं चिकित्सालयं नीतवान्। 

= केशव माँ को चिकित्सालय ले गया था। 


केशवः श्वः अपि न आगमिष्यति।

= केशव कल भी नहीं आएगा। 


अद्य विशाखा अनुपस्थिता आसीत्। 

= आज विशाखा अनुपस्थित थी। 


किमर्थम् ? = क्यों / किसलिये ? 


विशाखायाः भ्राता विदेशतः आगतवान् अस्ति। 

= विशाखा का भाई विदेश से आया है। 


विशाखा भ्रातुः स्वागतार्थं गृहे अस्ति।

= विशाखा भाई का स्वागत करने के लिये घर में है। 


विशाखा परश्वः आगमिष्यति। 

= विशाखा परसों आएगी।



ते के सन्ति ? 

= वे कौन हैं ? 


ते श्रमिकाः सन्ति। 

= वे श्रमिक  हैं।


कति श्रमिकाः सन्ति ?

= कितने श्रमिक हैं ?


चत्वारः श्रमिकाः सन्ति।

= चार श्रमिक हैं। 


ते किं कुर्वन्ति ? 

= वे क्या कर रहे हैं ? 


ते भारवाहनात् इष्टिकाः अवतारयन्ति। 

= वे ट्रक से ईंटें उतारते हैं। 


अधुना बहु आतपः अस्ति।

= अभी बहुत धूप है। 


अतएव द्वौ श्रमिकौ विश्रामं कुरुतः।

= अतः दो श्रमिक विश्राम कर रहे हैं।


द्वौ एव कार्यं कुरुतः ।

= दो ही काम कर रहे हैं। 


एकः इष्टिकाः अवतारयति।

= एक ईंटें उतार रहा है।


द्वितीयः भूमौ स्थापयति।

= दूसरा भूमि पर रख रहा है। 


कति इष्टिकाः सन्ति ? 

= कितनी ईंटें हैं ?


दशसहस्र इष्टिकाः सन्ति।

= दस हजार ईंटें हैं।


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सा करण्डकं रिक्तं करोति।

= वह टोकरी खाली करती है। 


अनन्तरं करण्डकं स्वच्छं करोति। 

= उसके बाद टोकरी साफ करती है। 


करण्डके एकं स्वच्छं वस्त्रं प्रसारयति।

= टोकरी में साफ कपड़ा बिछाती है। 


अनन्तरं करण्डके सेवफलानि स्थापयति।

= उसके बाद टोकरी में सेव रखती है।


करण्डकं शिरसि उन्नयति।

= टोकरी सिर पर उठाती है। 


आपणं गच्छति। 

= बाजार जाती है। 


आपणे एकस्मिन् कोणे उपविशति।

= बाजार में एक कोने में  बैठती है। 


सा सेवफलं विक्रीणाति। 

= वह सेव बेचती है।


सा यानि सेवफलानि विक्रीणाति तानि बहु मधुराणि सन्ति।

= वह जो सेव बेचती है वो बहुत मीठे हैं।  


तस्याः स्वभावः अपि बहु मधुरः अस्ति।

= उसका स्वभाव भी बहुत मीठा है।


संस्कृत वाक्याभ्यासः  

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अद्य प्रातः तस्य दूरवाणी आसीत् ।

= आज सुबह उसका फोन था ।


सः बहु दूरतः वदति स्म। 

= वह बहुत दूर से बोल रहा था 


सः कुतः वदति स्म ? 

= वह कहाँ से बोल रहा था ? 


कथं लिखानि ? 

= कैसे लिखूँ ? 


कथं वदानि ? 

= कैसे कहूँ ? 


तेन उक्तम् .... 

= वह बोला .... 


" देशसेवार्थम् अत्र अस्मि " 

= देशसेवा के लिये यहाँ हूँ 


" कुत्र अस्मि तद् न वदिष्यामि"

= कहाँ हूँ यह नहीं कहूँगा 


" केवलं भवतः आशीर्वादं याचे " 

= केवल आपका आशीर्वाद चाहता हूँ 


अहम् अवदम् ।

= मैं बोला 


विजयी भव 

= विजयी हो 


भारतमातुः जयः भवेत्

कदलीवृक्षे पुष्पम् अपि भवति।

= केले के पेड़ पर फूल भी होते हैं।


पुष्पं बहु दीर्घं भवति।

= फूल बहुत बड़ा होता है। 


तद् पुष्पं यदा अपक्वं भवति तदा कर्त्यते। 

= वो फूल जब कच्चा होता है तब काटा जाता है। 


दक्षिणभारतीयाः जनाः तस्य शाकं प्रचुरं खादन्ति।

= दक्षिण भारत के लोग उसकी सब्जी अधिक खाते हैं। 


तद् शाकम् अहं खादितवान्। 

= वो सब्जी मैंने खाई। 


बहु स्वादिष्टं भवति।

= बहुत स्वादिष्ट होती है।


लवणयुक्ते जले कदलीपुष्पं क्वथ्यते।

= नमकीन पानी में केले का फूल उबाला जाता है। 


अनन्तरं तस्य शाकं निर्मीयते। 

= उसके बाद उसकी सब्जी बनाई जाती है। 


मधुमेहरोगिणः एतद् शाकं  खादन्ति। 

= मधुमेह के रोगी इस सब्जी को खाते हैं। 


अपक्वं कदलीफलम् अपि आपणे मिलति।

= कच्चा केला भी बाजार में मिलता है।


तस्य अपि शाकं महिलाः पचन्ति।

= उसकी भी सब्जी महिलाएँ बनाती हैं।



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अधुना अमेरिकायाः ह्यूस्टन नगरे अस्मि। 

= अभी अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हूँ। 


भवान् / भवती कुत्र अस्ति ? 

= आप कहाँ हैं ? 


सर्वेषाम् उत्तरम् -  अहमपि ह्यूस्टन नगरे अस्मि। 

= सबका उत्तर - मैं भी ह्यूस्टन शहर में हूँ। 


कथम् ? = कैसे ? 


अहं दूरदर्शनेन अमेरिकायां चलमानं कार्यक्रमं पश्यामि। 

= मैं दूरदर्शन द्वारा अमेरिका में चल रहे कार्यक्रम को देख रहा हूँ। 


गुजरातस्य गरबा नृत्यं दृष्टवान्। 

= गुजरात का गरबा देखा। 


पंजाबस्य भाँगड़ा नृत्यं दृष्टवान्। 

= पंजाब का भाँगड़ा देखा। 


ओड़िसी नृत्यं दृष्टवान्। 

= ओड़िसी नृत्य भी देखा। 


शास्त्रीयं सङ्गीतं श्रुतवान्। 

= शास्त्रीय संगीत सुना। 


भारतीयपाश्चात्यसङ्करं नृत्यं दृष्टवान्। 

= भारतीय पाश्चात्य मिलाजुला नृत्य देखा। 


सर्वे भारतीयाः नरेन्द्र मोदी महोदयस्य प्रतीक्षां कुर्वन्तः सन्ति।

= सभी भारतीय नरेंद्र मोदी जी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 


अहं सम्पूर्णं कार्यक्रमं द्राक्ष्यामि। 

= मैं पूरा कार्यक्रम देखूँगा।


संस्कृत वाक्य अभ्यासः  

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श्रेष्ठी देवप्रकाशः एक-लक्ष रूप्यकाणि अददत् 

= सेठ देवप्रकाश ने एक लाख रूपए दिये ।


माता रजनीदेवी एकपञ्चाशत-सहस्त्र रुप्यकाणि अददत् 

= माता रजनीदेवी ने इक्यावन हजार दिये । 


सत्कार्ये सर्वे दानं ददति 

= सत्कार्य में सभी दान दे रहे हैं । 


भवन्तः / भवत्यः अपि ददतु ।

= आप सभी भी दीजिये । 


हरिदासः पञ्चविंशति-सहस्त्र रुप्यकाणि ददाति 

= हरिदास पच्चीस हजार दे रहे हैं । 


रामेश्वरः एकादश-सहस्त्र रुप्यकाणि अयच्छत् 

= रामेश्वर ने ग्यारह हजार दिये 


(तदानीम् एकः निर्धनः आगच्छति 

 = तभी एक निर्धन आता है । ) 


* मम अपि एकादश-रुप्यकाणि लिखतु 

  = मेरे भी ग्यारह रुपये लिखिये । 


* मम पार्श्वे केवलं एतावद् एव धनम् अस्ति 

  = मेरे पास केवल इतना ही धन है । 


* मम नाम अपि मा वदतु ।

  = मेरा नाम भी मत बोलिये ।  


* निर्धनानां विद्यार्थीनां कृते दानं स्वीक्रियते खलु !

  = निर्धन विद्यार्थियों के लिये दान लिया जा रहा है न !


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अहं तं बीमाशुल्कम्  सूचितवान् 

= मैंने उसे बीमा प्रीमियम बताया ।


सः त्वरितमेव धनगणनाम् आरब्धवान्। 

= उसने तुरन्त धन गिनना शुरू कर दिया। 


एकम् 


द्वे 


त्रीणि 


चत्वारि 


पञ्च 


षट्


सप्त 


अष्ट 


नव  


दश 


एकादश 


द्वादश 


त्रयोदश 


चतुर्दश 


पञ्चदश 


षोडश 


सप्तदश 


अष्टादश 


नवदश 


विंशतिः 


एकविंशतिः 


द्वविंशतिः 


त्रयोविंशतिः 


चतुर्विंशतिः 


पञ्चविंशतिः 


षड्विंशतिः 


सप्तविंशतिः 


सः तु सप्तविंशतिः पर्यन्तं गणनां कृतवान्। 

= उसने सत्ताईस तक गिन लिया। 


सः मह्यम् सप्तविंशतिः सहस्रं दत्तवान्।

= उसने मुझे सत्ताईस हजार दिये। 


मया उक्तं " न , केवलं एकविंशतिः सहस्रमेव भवति।" 

= मैंने कहा " नहीं केवल इक्कीस हजार ही होते हैं।" 


अहं षड्सहस्रं तस्मै प्रत्यर्पितवान्। 

= मैंने उसे छः हजार वापस किये।  


सः अवदत् - " भवति मम विश्वासः अस्ति।" 

= उसने कहा - "आप पर मुझे विश्वास है" 


अधुना सः पुनः गणयति। 

= अभी वह फिर से गिन रहा है। 


मह्यं केवलं एकविंशतिः सहस्रं दास्यति।

= मुझे केवल इक्कीस हजार देगा। 


भवन्तः / भवत्यः अपि गणयन्तु।

= आप भी गिनिये।



संस्कृत वाक्याभ्यासः 

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सः कियत् धनम् अर्जयति ? 

= वह कितना धन कमाता है ? 


सः कियत् धनव्ययं करोति ? 

= वह कितना धन खर्च करता है ? 


सः कियत् धनं संचयति ? 

= वह कितना धन बचाता है ? 


सः कियत् धनं दानं करोति ?

= वह कितना धन दान करता है


सः कियत् अपव्ययं करोति ? 

= वह कितना अपव्यय करता है ? 


सः सर्वदा मूल्यं पृष्टवा एव वस्तूनि क्रीणाति ।

= वह हमेशा मूल्य पूछ कर ही वस्तु  खरीदता है



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सुभाषस्य गृहं गतवान् अहम् ।

= सुभाष के घर मैं गया। 


सः मोदकम् अखादयत्।

= उसने लड्डू खिलाया ।


अनन्तरं देवेशस्य गृहं गतवान् अहम् ।

= उसके बाद देवेश के घर गया। 


सः नारिकेलम् अखादयत्।

= उसने नारियल खिलाया। 


अनन्तरम् अर्चनायाः गृहं गतवान् अहम् ।

= उसके बाद अर्चना के घर गया। 


सा मोमकम् अखादयत्।

= उसने पेड़ा खिलाया।


अनन्तरम् सुमित्रायाः गृहं गतवान् अहम् ।

= उसके बाद सुमित्रा के घर गया। 


सा सैंयावम् अखादयत्।

= उसने हलुआ खिलाया।


अधुना किमपि खादतुं न इच्छामि।

= अब कुछ नहीं खाना चाहता हूँ। 


अधुना गृहम् आगत्य तक्रं पिबामि।

= अभी घर आकर छास पी रहा हूँ।

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अद्य केशवः अनुपस्थितः आसीत्। 

= आज केशव अनुपस्थित था। 


किमर्थम् ? 

= क्यों ? 


अद्य केशवस्य मातुः स्वास्थ्यं सम्यक् नास्ति।

= आज केशव की माता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। 


केशवः मातरं चिकित्सालयं नीतवान्। 

= केशव माँ को चिकित्सालय ले गया था। 


केशवः श्वः अपि न आगमिष्यति।

= केशव कल भी नहीं आएगा। 


अद्य विशाखा अनुपस्थिता आसीत्। 

= आज विशाखा अनुपस्थित थी। 


किमर्थम् ? = क्यों / किसलिये ? 


विशाखायाः भ्राता विदेशतः आगतवान् अस्ति। 

= विशाखा का भाई विदेश से आया है। 


विशाखा भ्रातुः स्वागतार्थं गृहे अस्ति।

= विशाखा भाई का स्वागत करने के लिये घर में है। 


विशाखा परश्वः आगमिष्यति। 

= विशाखा परसों आएगी।



ते के सन्ति ? 

= वे कौन हैं ? 


ते श्रमिकाः सन्ति। 

= वे श्रमिक  हैं।


कति श्रमिकाः सन्ति ?

= कितने श्रमिक हैं ?


चत्वारः श्रमिकाः सन्ति।

= चार श्रमिक हैं। 


ते किं कुर्वन्ति ? 

= वे क्या कर रहे हैं ? 


ते भारवाहनात् इष्टिकाः अवतारयन्ति। 

= वे ट्रक से ईंटें उतारते हैं। 


अधुना बहु आतपः अस्ति।

= अभी बहुत धूप है। 


अतएव द्वौ श्रमिकौ विश्रामं कुरुतः।

= अतः दो श्रमिक विश्राम कर रहे हैं।


द्वौ एव कार्यं कुरुतः ।

= दो ही काम कर रहे हैं। 


एकः इष्टिकाः अवतारयति।

= एक ईंटें उतार रहा है।


द्वितीयः भूमौ स्थापयति।

= दूसरा भूमि पर रख रहा है। 


कति इष्टिकाः सन्ति ? 

= कितनी ईंटें हैं ?


दशसहस्र इष्टिकाः सन्ति।

= दस हजार ईंटें हैं।


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सा करण्डकं रिक्तं करोति।

= वह टोकरी खाली करती है। 


अनन्तरं करण्डकं स्वच्छं करोति। 

= उसके बाद टोकरी साफ करती है। 


करण्डके एकं स्वच्छं वस्त्रं प्रसारयति।

= टोकरी में साफ कपड़ा बिछाती है। 


अनन्तरं करण्डके सेवफलानि स्थापयति।

= उसके बाद टोकरी में सेव रखती है।


करण्डकं शिरसि उन्नयति।

= टोकरी सिर पर उठाती है। 


आपणं गच्छति। 

= बाजार जाती है। 


आपणे एकस्मिन् कोणे उपविशति।

= बाजार में एक कोने में  बैठती है। 


सा सेवफलं विक्रीणाति। 

= वह सेव बेचती है।


सा यानि सेवफलानि विक्रीणाति तानि बहु मधुराणि सन्ति।

= वह जो सेव बेचती है वो बहुत मीठे हैं।  


तस्याः स्वभावः अपि बहु मधुरः अस्ति।

= उसका स्वभाव भी बहुत मीठा है।


संस्कृत वाक्याभ्यासः  

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अद्य प्रातः तस्य दूरवाणी आसीत् ।

= आज सुबह उसका फोन था ।


सः बहु दूरतः वदति स्म। 

= वह बहुत दूर से बोल रहा था 


सः कुतः वदति स्म ? 

= वह कहाँ से बोल रहा था ? 


कथं लिखानि ? 

= कैसे लिखूँ ? 


कथं वदानि ? 

= कैसे कहूँ ? 


तेन उक्तम् .... 

= वह बोला .... 


" देशसेवार्थम् अत्र अस्मि " 

= देशसेवा के लिये यहाँ हूँ 


" कुत्र अस्मि तद् न वदिष्यामि"

= कहाँ हूँ यह नहीं कहूँगा 


" केवलं भवतः आशीर्वादं याचे " 

= केवल आपका आशीर्वाद चाहता हूँ 


अहम् अवदम् ।

= मैं बोला 


विजयी भव 

= विजयी हो 


भारतमातुः जयः भवेत्





---- अखिलेश आचार्य

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