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37) संस्कृत वाक्य अभ्यास

 संस्कृत वाक्य अभ्यास

Sanskrit sentence study





विशाखा - त्वं गृन्जनकं कर्तय 

         = तुम गाजर काटो 


विशाखा - अहं रक्तफलं कर्तयामि 

         = मैं टमाटर काटती हूँ । 


सुकृतिः - बाढम

         = ठीक है । 


सुकृतिः  - गृहे त्रपुषम् अपि अस्ति

         = घर में खीरा भी है 


विशाखा - त्रपुषं तव भ्राता खादिष्यति

       = खीरा तुम्हारे भाई खाएँगे ।


सुकृतिः -  अद्य भ्राता मूलिकाम् अपि  खादिष्यति 

       = आज भैया मूली भी खाएँगे  


सुकृतिः - अद्य वयं पक्वान्नं न खादामः 

      = आज हम पका खाना नहीं खाते हैं 


विशाखा -  आम् , अद्य केवलं फलानि शाकानि च खादामः 

       = हाँ , आज केवल फल और सब्जी खाएँगे 


विशाखा - अधुना शाकानि खादामः 

        = अभी सब्जियाँ खाते हैं 


सुकृतिः - अनन्तरं फलानि

       = बाद में फल 


विशाखा -  तव भ्रात्रे दाड़िम्बं रोचते 

      = तुम्हारे भाई को अनार पसंद है  


सुकृतिः - तर्हि आवां सेवफलं खादिष्यावः 

        = तो फिर हम दोनों सेव खाएँगे



संस्कृत वाक्याभ्यासः  

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तस्मिन् काले अधर्म अवर्धत ।

= उस समय अधर्म बढ़ गया था । 

     ( वर्धितम् आसीत् ) 


तस्मिन् समये अनेके दुराचारिणः आसन् ।

= उस समय अनेक दुराचारी थे ।


धर्मणः रक्षार्थं सः अग्रे आगतः ।

= धर्म की रक्षा के लिये वह आगे आया ।


सः धर्मयुद्धं कर्तुं पार्थं प्रेरितवान् ।

= उन्होंने धर्मयुद्ध करने के लिये पार्थ को प्रेरित किया 


सर्वे  दुराचारिणः युद्धे हताः ।

= सभी दुराचारी युद्ध में मारे गए ।


तस्य नाम श्रीकृष्णः ।


अद्य जन्माष्टमी पर्वणः सर्वेभ्यः शुभकामनाः ।


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सुजाता - आशे ! दर्शने ! अंकिते !  हर्षे ! 


           - कुत्र सन्ति सर्वाः ? 

           = कहाँ हैं सभी ? 


आशा - अहम् अत्र फलकं लम्बयामि। 

         = मैं यहाँ बैनर लटका रही हूँ। 


         - तोरणम् अपि लम्बयिष्यामि। 

         = तोरण भी लटकाऊँगी। 


दर्शना - अहम् अंकिता च अत्र मञ्चस्य व्यवस्थां कुर्वः। 

        = मैं और अंकिता यहाँ मंच की व्यवस्था कर रहे हैं। 


सुजाता - हर्षा कुत्र अस्ति ? 

           = हर्षा कहाँ है ? 


अंकिता - सा पारितोषिकानि आनेतुं गतवती। 

           = वह पारितोषिक लेने गई है। 


           - पश्यतु , सा आगच्छति। 

           = देखिये वह आ रही है। 


सुजाता - आगच्छ हर्षे ! 

           = आओ हर्षा ! 


हर्षा - पारितोषिकानि कुत्र स्थापयामि ?

      = पारितोषिक कहाँ रखूँ ?


अंकिता - मञ्चे ... 

          = मंच पर ... 


सुजाता - अधुना वयं श्लोकगान स्पर्धाम् आरभामहे। 

          = अब हम श्लोकगान स्पर्धा शुरू करते हैं। 


जयतु संस्कृतम् ।


जयतु भारतम् ।



संस्कृत वाक्याभ्यासः 

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शोभा - विभे , चल आवां द्वौ वित्तकोषं चलावः । 

        = विभा हम दोनों बैंक चलते हैं 


विभा - वित्तकोषम् ?  किमर्थम् ? 

       = बैंक ?  किसलिये ? 


शोभा - तत्र आवयोः लेखां उद्घाटयावः ।  

        = वहाँ हम दोनों का अकाउंट खुलवाते हैं 


शोभा विभा च वित्तकोषं गच्छतः । 

शोभा और विभा बैंक जाती हैं 


ते द्वे प्रपत्रम पूरयतः  । 

= वो दोनों फॉर्म भरती हैं 


शोभा - अत्र हस्ताक्षरं करणीयम् अस्ति । 

       = यहाँ हस्ताक्षर करने हैं 


विभा - आम् ,  तर्हि कुरु , अहमपि करोमि । 

       = हाँ , तो करो , मैं भी करती हूँ । 


शोभा - हस्ताक्षरं तु देवनागर्याम् एव करणीयम् । 

       = हस्ताक्षर तो देवनागरी में ही करने चाहिये । 


विभा - सत्यम् , अहमपि तथैव करोमि । 

       = सच है , मैं भी वैसा ही करती हूँ । 


ते द्वे देवनागर्याम् एव हस्ताक्षरं कुरुतः । 

= वो दोनों देवनागरी में ही हस्ताक्षर करती हैं


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सुहासिनी - आगच्छतु ,  मंजुला भगिनि ! 

             =  आईये , मंजुला बहन ! 


मंजुला  - न , अत्र संस्कृत-सम्भाषणं भवति खलु ? 

         = ना , यहाँ संस्कृत सम्भाषण होता है न ? 


सुहासिनी - आं भवति ... अत्र कः दोषः ?? 

           = हाँ होता है ... इसमें क्या बुराई है ?? 


मंजुला - महिलाभिः संस्कृतसम्भाषणं न करणीयम् । 

          = महिलाओं को संस्कृत में बातचीत नहीं करनी चाहिये। 


सुहासिनी - एवं केन उक्तम् ? 

            = ऐसा किसने कहा ? 


            - श्रेष्ठं कार्यं तु महिलाभिः अवश्यमेव करणीयम् ।

            = अच्छा काम तो महिलाओं को अवश्य करना चाहिये। 


             - भाषा सर्वेषां कृते भवति।

             = भाषा सबके लिये होती है। 


            महिला संस्कृते वदति चेत् गृहे शीघ्रमेव संस्कृतमयं वातावरणं भवति। 

            = महिला संस्कृत में बोलती है तो घर में जल्दी ही संस्कृतमय वातावरण बनता है।


            - पश्यतु , अहं प्रतिदिनं वदामि। 

            = देखिये, मैं प्रतिदिन बोलती हूँ। 


            - अतः मम गृहे सर्वे संस्कृते सम्भाषणं कुर्वन्ति। 

            = इसलिये मेरे घर में सभी संस्कृत में बातचीत करते हैं। 


            - मम पुत्री , मम श्वश्रू: , मम ननांदृ 

            = मेरी बेटी , मेरी सासजी , मेरी ननंद ... 


मंजुला - शोभनम् ... अहमपि अभ्यासं करिष्यामि। 

          = बढ़िया ... मैं भी अभ्यास करूँगी।

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श्रेष्ठी देवप्रकाशः एक-लक्ष रूप्यकाणि अददत् 

= सेठ देवप्रकाश ने एक लाख रूपए दिये ।


माता रजनीदेवी एकपञ्चाशत-सहस्त्र रुप्यकाणि अददत् 

= माता रजनीदेवी ने इक्यावन हजार दिये । 


सत्कार्ये सर्वे दानं ददति 

= सत्कार्य में सभी दान दे रहे हैं । 


भवन्तः / भवत्यः अपि ददतु ।

= आप सभी भी दीजिये । 


हरिदासः पञ्चविंशति-सहस्त्र रुप्यकाणि ददाति 

= हरिदास पच्चीस हजार दे रहे हैं । 


रामेश्वरः एकादश-सहस्त्र रुप्यकाणि अयच्छत् 

= रामेश्वर ने ग्यारह हजार दिये 


(तदानीम् एकः निर्धनः आगच्छति 

 = तभी एक निर्धन आता है । ) 


* मम अपि एकादश-रुप्यकाणि लिखतु 

  = मेरे भी ग्यारह रुपये लिखिये । 


* मम पार्श्वे केवलं एतावद् एव धनम् अस्ति 

  = मेरे पास केवल इतना ही धन है । 


* मम नाम अपि मा वदतु ।

  = मेरा नाम भी मत बोलिये ।  


* निर्धनानां विद्यार्थीनां कृते दानं स्वीक्रियते खलु !

  = निर्धन विद्यार्थियों के लिये दान लिया जा रहा है न !


बालकः  -  देहि  देहि  भो: ।

             = दे दो न ।

Boy - Give it.


           आम् मम कन्दुकम् अस्ति ।

            = हाँ मेरी गेंद है । 

            Yes i have a ball.


           पुनः तव गृहे कन्दुकं न आगमिष्यति ।

           = फिर से तुम्हारे घर नहीं आएगी । 

          Will not come to your house again.


           अहम् अधुना ध्यानपूर्वकं क्रीडिष्यामि 

            = अब मैं ध्यान से खेलूँगा । 

           Now I will play carefully.


              त्वं मम भगिनी असि ।

              = तुम मेरी बहन हो । 

                you are my sister .


             देहि , मम कन्दुकं देहि 

              = दे दो , मेरी गेंद दे दो । 

             Give, give me the ball.


बालिका - मम माता शयनं करोति (शेते )

             = मेरी माँ सो रही है । 

Girl - My mother is sleeping.


           - त्वं ध्वनिं कृत्वा क्रीडसि 

            = तुम आवाज़ कर के खेलते हो । 

            You play with voice.


           - अहं कन्दुकं न दास्यामि ।

           = मैं गेंद नहीं दूँगी । 

           I will not give the ball.


           - अहं तव कन्दुकेन अत्र क्रीडिष्यामि ।

           = मैं तुम्हारी गेंद से यहाँ खेलूँगी । 

          I will play with your ball here.


बालकः -  तर्हि भगिनी , त्वमपि बहिः आगच्छ 

           = तो फिर बहन , तुम भी बाहर आ जाओ ।

Boy - Then sister, you too come out.


           - मया सह क्रीड ।

           = मेरे साथ खेलो ।

            play with me.


           - आवां  ध्वनिं न करिष्यावः ।

           = हम दोनों आवाज नहीं करेंगे ।

         We both will not make a sound.


सर्वे तस्य गृहं प्रति धावन्ति । 

= सभी उसके घर की तरफ दौड़ रहे हैं ।

All are running towards his house.

Усі біжать до його будинку.


अहमपि तत्र प्रति धावामि । 

= मैं भी वहाँ की ओर दौड़ रहा हूँ ।

I am also running towards there.

Я також біжу туди.


तस्य पुत्र: पतितः । 

= उसका बेटा गिर गया ।

His son fell.

Син його впав.


तस्य पुत्र: दोलातः (दोलायाः)  पतितः । 

= उसका बेटा झूले से गिर गया  ।

His son fell from the swing.

Його син впав з гойдалки.


सः बालकः बहु रोदिति । 

= वह बच्चा बहुत रो रहा है । 

That baby is crying a lot.

Ця дитина багато плаче.


तस्य मुखात् रक्तं प्रवहति । 

= उसके मुँह से खून बह रहा है ।

His mouth is bleeding.

Рот у нього кровоточить.


मम प्रतिवेशी चिकित्सकः अस्ति । 

= मेरा पड़ोसी डॉक्टर है ।

My neighbor is a doctor.

Мій сусід - лікар.


सः बालकस्य चिकित्सां करोति। 

=  वह बच्चे की चिकित्सा करता है।

He treats the child.

Він лікує дитину.


ओ३म् 


सः दिनदर्शिकां पश्यति।

= वह कैलेण्डर देखता है। 


चिन्तयति। 

= विचारता है।   🤔


"श्वः अवकाशः अस्ति।" 

= कल छुट्टी है ।


परश्वः अवकाशः नास्ति।

= परसों छुट्टी नहीं है। 


प्रपरश्वः अपि  अवकाशः नास्ति। 

= नरसों भी छुट्टी नहीं है। 


अनन्तरं दिनद्वयम् अवकाशः अस्ति। 

= बाद में दो दिन छुट्टी है। 


तर्हि सोमवासरस्य मङ्गलवासरस्य च अवकाशावेदनं ददामि।

= तो सोमवार और मंगलवार की छुट्टी का आवेदन देता हूँ। 


षट् दिनानां कृते गृहं गमिष्यामि। 

= छः दिनों के लिये घर जाऊँगा।


भ्रातृद्वितीया अनन्तरम् आगमिष्यामि।

= भाई दूज के बाद आऊँगा। 


सः मां पृच्छति।

= वह मुझसे पूछता है।


भवान् अवकाशे अस्ति वा ? 

= आप छुट्टी पर हैं क्या ? 


अहम् उक्तवान् " न अहम् अवकाशे नास्मि।" 

= मैंने कहा  " नहीं मैं छुट्टी पर नहीं हूँ।


सः अवकाशस्य आवेदनं ददाति। 

= वह छुट्टी का आवेदन देता है।


ओ३म् 


पुत्रः - अम्ब !  अहं कदलीफलं खादितवान्। 

       = माँ , मैंने केला खा लिया। 


       - एतस्य त्वक् कुत्र क्षिपानि?

       = इसका छिलका कहाँ फेंकूँ?


माता - वत्स ! कदलीफलस्य त्वक् यत्र तत्र मा क्षिप । 

       = बेटा , केले का छिलका जहाँ तहाँ मत फेंकना। 


        - यत्र तत्र क्षिपामः तर्हि कोsपि पतिष्यति।

        = जहाँ तहाँ फेंकेंगे तो कोई गिर जाएगा।


        - पश्य द्वारे गोवत्सः अस्ति। 

       = देखो , दरवाजे पर बछड़ा है। 


        गोवत्साय देहि। 

        = बछड़े को दे दो। 


पुत्रः - आम् अम्ब ! 


( कानिचन दिनानि अनन्तरम् 

   = कुछ दिनों के बाद )


माता - वत्स ! अहं पलांडु कर्तयामि। 

       = मैं प्याज काट रही हूँ। 


      - एतस्य त्वक् अवकरपात्रे क्षिप।

      = इसका छिलका कूड़ेदान में डाल दो। 


पुत्रः - पलांडोः त्वक् गोवत्साय न ददानि ?

      = प्याज का छिलका बछड़े को न दे दूँ ?


माता - नैव , पलांडोः त्वक् कदापि धेन्वे , गोवत्साय वा न देयम् ।

        = नहीं , प्याज का छिलका कभी भी गाय या बछड़े को नहीं देना चाहिये। 


        - धेनोः दुग्धे तस्य गन्ध आगमिष्यति। 

       = गाय के दूध में उसकी गंध आ जाएगी।



--- अखिलेश आचार्य


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