स्वागतम्

 आइए सरल विधि से संस्कृत में बात करना सीखें । यहाँ 👇🏻 क्लिक किजिए और प्रतिदिन क्रमशः एक एक पाठ का अभ्यास किजिए 👇🏻

Click here क्लिक क्लिक 



56) संस्कृत वाक्य अभ्यास

 संस्कृत वाक्य अभ्यास

Sanskrit Sentence Study





संस्कृत वाक्य अभ्यास 



सः प्रश्नं पृष्टवान् 

= उसने प्रश्न पूछा 


आदेशः कथं दीयते ? 

= आदेश कैसे दिया जाता है ? 


त्वं गच्छ 

त्वं वद 

त्वं पठ 

त्वं लिख 

त्वं खाद 

त्वं पिब 

त्वं हस 

त्वं नय 

त्वम् आगच्छ 

त्वं पश्य 

त्वं श्रृणु 

यदा आदेशः त्वद् अर्थं दीयते तदा - गच्छ , वद ,लिख , पठ  तथा वक्तव्यम् ।


यदा भवान् / भवती अर्थम् आदेशः देयः भवति तदा 


भवान् / भवती गच्छतु ।


भवान् / भवती लिखतु 


भवान् / भवती पठतु  


भवान् / भवती खादतु 


भवान् / भवती पिबतु 


भवान् / भवती पश्यतु 


भवान् / भवती श्रृणोतु 


भवान् / भवती नयतु 


भवान् / भवती करोतु 


भवान् / भवती आगच्छतु 


भवान् / भवती चलतु 


भवान् / भवती स्मरतु 


तथा भविष्यति।



* सर्वकारेण तु किमपि न क्रियते ।

   = सरकार द्वारा तो कुछ भी नहीं किया जाता है । 


∆ कस्मिन् विषये ? 

   = किस विषय में ? 


* संस्कृतस्य  विषये ।

   = संस्कृत के विषय में ।


∆ सर्वकारः न करोति चेत् का बाधा ? 

    = सरकार नहीं करती है तो क्या परेशानी है ? 


∆  तद् कार्यं वयं कर्तुं शक्नुमः ।

    = वह काम हम कर सकते हैं । 


* कथम् ? 

  = कैसे ? 


∆  यथा कृषकेभ्यः अधिकं धनं न मिलति ।

   = जैसे किसानों को अधिक धन नहीं मिलता है ।


∆ तथापि कृषकाः कृषिकार्यं न त्यजन्ति ।

   = फिर भी किसान खेती का काम नहीं छोड़ते हैं । 


∆ तथैव अस्माभिः संस्कृत-अभ्यासः करणीयः ।

   = उसी प्रकार हमें संस्कृत अभ्यास करना चाहिये । 


∆ सर्वकारस्य न अपितु अस्माकं दोषः ।

   = सरकार का नहीं बल्कि हमारा दोष है ।


Ads by Eonads


संस्कृतं प्रति बहूनां रुचिः अवर्धत। 

= संस्कृत के प्रति बहुतों की रुचि बढ़ी है। 

Many have grown interested in Sanskrit.


न केवलं ज्येष्ठाः अपितु युवकाः / युवत्यः अपि संस्कृतं पठन्ति। 

= न केवल बड़े अपितु युवक / युवतियाँ भी संस्कृत पढ़ते हैं। 

Not only the elder but also the young men / women also read Sanskrit.


संस्कृते वदन्ति अपि। 

= संस्कृत में बोलते भी हैं। 

They also speak in Sanskrit.


संस्कृत गीतं  श्रृण्वन्ति / गायन्ति च।

= संस्कृत गीत सुनते और गाते हैं। 

Sanskrit songs are heard and sung.


यदा संगोष्ठिः भवति तदा युवकाः / युवत्यः आगच्छन्ति।

= जब बैठक होती है तब युवक / युवतियाँ आते हैं। 

When the meeting takes place, the young men / women come.


अनेके जनाः "संस्कृतवार्तावलीम् अपि पश्यन्ति।

= अनेक लोग "संस्कृतवार्तावली" भी देखते हैं।

Many people also see "Sanskritvartavali".


अनेके परिवाराः सन्ति यस्य सर्वेजनाः संस्कृतं जानन्ति , वदन्ति च।

= अनेक परिवार हैं जिसके सभी लोग संस्कृत जानते हैं और बोलते हैं।

There are many families, all of whom know and speak Sanskrit.


तादृशानां परिवाराणां संख्या अवर्धत।

= ऐसे परिवारों की संख्या बढ़ी है।

The number of such families has increased.


अनेके प्रतिदिनम् अभ्यासं कुर्वन्ति।

= अनेक लोग प्रतिदिन अभ्यास करते हैं।

Many people practice daily.


तेषाम् अनुकरणम् अन्ये जनाः कुर्वन्ति।

= उनका अनुकरण अन्य लोग करते हैं।

He is followed by others.



अयं वित्तकोषः अस्ति। 

= यह बैंक है। 


वित्तकोषे धनं स्थाप्यते।

= बैंक में पैसा रखा जाता है। 


वित्तकोषे धनं संचीयते।

= बैंक में धन संचय किया जाता है। 


वित्तकोषतः धनम् अन्यत्र प्रेष्यते। 

= बैंक से धन और कहीं भेजा जाता है। 


वित्तकोषतः ऋणं स्वीक्रियते। 

= बैंक से लोन ली जाती है। 


वित्तकोषे स्वर्णाभूषणानि संरक्षयन्ते। 

= बैंक में आभूषण सुरक्षित रखे जाते हैं। 


वित्तकोषेण धनादेशसेवा अपि दीयते। 

= बैंक द्वारा डी. डी. सेवा भी दी जाती है। 


वित्तकोषे विदेशीमुद्रायाः विनिमयः अपि भवति।

= बैंक में विदेशी मुद्रा का लेनदेन होता है। 


वित्तकोषः व्याजम् अपि  ददाति। 

= बैंक ब्याज भी देता है। 


वित्तकोषः  प्रदत्ते  ऋणे व्याजं स्वीकरोति।

= बैंक दिये गए ऋण पर ब्याज लेता है। 


वित्तकोषं प्रायः सर्वे गच्छन्ति।

= बैंक में प्रायः सभी जाते हैं।



एतद् जलं पानार्थम् अस्ति। 

= ये पानी पीने के लिये है ।

This water is for drinking.


कृपया एतेन जलेन मुखं , हस्तं च मा प्रक्षालयन्तु।

= कृपया इस पानी से हाथ मुँह मत धोइये ।

Please do not wash your hands with this water.


कृपया अत्र मुखं मा प्रक्षालयन्तु।

= कृपया यहाँ मुँह न धोएँ। 

Please do not wash your face here.


कृपया जलं रक्षन्तु।

= कृपया पानी बचाएँ।

Please save water


जलं नष्टं मा कुर्वन्तु।

= पानी का बिगाड़ न करें। 

Do not spoil the water.


जलस्य सदुपयोगं कुर्वन्तु। 

= पानी का सदुपयोग करें। 

Use water properly.


कृपया जलम् उपविष्य एव पिबन्तु।

= कृपया पानी बैठकर ही पियें ।

Please drink water while sitting.


शुद्धं जलं पिबन्तु।

= साफ पानी पीजिये। 

Drink clean water.


काले काले जलकोषं स्वच्छं कुर्वन्तु।

= समय समय पर पानी की टंकी साफ करें। 

Periodically clean the water tank.


अधुना मम कृते जलम् आनयतु। 

= अब मेरे लिये पानी लाइये। 

Now bring water for me.


अहं पातुम् इच्छामि।

= मैं पीना चाहता हूँ।

I want to drink.



मम नखाः दीर्घा: न सन्ति ।

= मेरे नाखून बड़े नहीं हैं । 

My nails are not big.


एतां ग्रन्थिम् उद्घाटयितुं न शक्नोमि ।

= इस गाँठ को खोल नहीं सकता मैं ।

I cannot open this knot.


कस्य नखाः दीर्घा: सन्ति ।

= किसके नाखून लम्बे हैं ? 

Whose nails are long?

सोहनस्य नखाः दीर्घा: सन्ति ।

= सोहन के नाखून बड़े हैं । 

Sohan's nails are big.


सोहन ! त्वम् एतां ग्रंथिम् उद्घाटय ।

= सोहन तुम ये गाँठ खोल दो ।

Sohan you open this knot.


सोहन - मम नखाः दीर्घा: अभवन् ।

         = मेरे नाखून बड़े हो गए हैं । 

My nails have grown.


सोहन  - अहं ग्रंथिम् उद्घाटयामि ।

         = मैं गाँठ खोलता हूँ ।

I open the knot.


सोहन - अनन्तरम् अहं मम नखान् कर्तयिष्यामि ।

        = बाद में मैं मेरे नाखून काट लूँगा । 

Later I will bite my nails.


सोहन - मह्यं दीर्घा: नखाः न रोचन्ते ।

        = मुझे लम्बे नाखून पसन्द नहीं हैं ।

I do not like long nails.



ह्यः आदिनं संस्कृतमये वातावरणे आसम् ।

= कल पूरा दिन संस्कृतमय वातावरण में था। 

Yesterday was a full day in the Sanskritic environment.


आदिनं संस्कृत-व्याख्यानमेव श्रुतम्।

= सारा दिन संस्कृत व्याख्यान ही सुना। 

Only listened to Sanskrit lectures all day.


संस्कृतभाषा सर्वेभ्यः रोचते।

= संस्कृत भाषा सबको पसंद आती है। 

Everyone likes Sanskrit language.


जनाः कठिनं संस्कृतं न इच्छन्ति। 

= लोग कठिन संस्कृत नहीं चाहते हैं। 

People do not want tough Sanskrit.


जनाः यद् अवगच्छन्ति तदेव वक्तव्यम् ।

= लोग जो समझते हैं वही बोलना चाहिये। 

People should speak what they think.


अधिकं दीर्घं वाक्यं न वक्तव्यम् ।

= बहुत लम्बा वाक्य न बोलें। 

Do not say too long sentences.

प्रारम्भे एकवचने एव वक्तव्यम् ।

= शुरू में एकवचन में ही बोलें।

Speak singularly in the beginning.


सरलं लिखामः चेत् आकाशः न पतिष्यति। 

= सरल लिखेंगे तो आसमान नहीं गिर जाएगा।

If you write simple, the sky will not fall.


सरललेखनेन बहवः उपकृताः भवन्ति।

= सरल लेखन से बहुत से लोग उपकृत होंगे। ( उनका उपकार होगा) 

Simple writing will oblige many people. (Would be their favor)


यत्किमपि लिखतु वदतु  तद् पाणिनिपरिधौ एव भवेत्  ।

= जो भी लिखें बोलें वो पाणिनि की परिधि में हो । 

Say whatever you write, it should be in the periphery of Panini.


संस्कृतक्षेत्रे दोषदर्शकानां संख्या अधिका अस्ति। 

=  संस्कृत क्षेत्र में दोष दर्शकों की संख्या अधिक है। 

The defect audience in Sanskrit region is high.



तेभ्यः न भेतव्यम् ।

उनसे नहीं डरना चाहिये।

Don't be afraid of them.


वाक्यों पर ध्यान दें । 

Pay attention to the sentences.


त्वं कुत्र गच्छसि?  

तू कहाँ जाता है ? 

Where do you go


यत्र स: गच्छति । 

जहाँ वह जाता है । 

Where he goes


अहं तत्र गच्छामि । 

मैं वहाँ जाता हूँ । 

I go there


स: कुत्र गच्छति?  

वह कहाँ जाता है?  

Where does he go


यत्र अहं गच्छामि । 

जहाँ मैं जाता हूँ । 

Where i go


त्वं सर्वत्र गच्छसि । 

तू सब स्थान पर जाता है । 

You go everywhere.


किं स: गच्छति?  

क्या वह जाता है?  

does he go?


स: गच्छति किम्  ? 

वह जाता है क्या  ? 

Does he go


स: कुत्र गच्छति?  

वह कहाँ जाता है?  

Where does he go


यत्र त्वं गच्छसि । 

जहाँ तू जाता है । 

Where you go


त्वं गच्छसि किम्?  

तू जाता है क्या?  

Do you go


अहं सर्वत्र गच्छामि । 

मैं सब स्थान पर जाता हूँ ।

I go everywhe.



गुञ्जति = गूँजता है / गूँजती है ।


मम मनसि ओम् नादः गुञ्जति 

= मेरे मन में ओम् नाद गूँजता है 


आश्रमे वेदपाठः गुञ्जति ।

= आश्रम में वेदपाठ गूँजता है 


वने खगानां ध्वनिः गुञ्जति ।

= वन में पक्षियों की आवाज गूँजती है 


अधुना अपि मम मातुः रवः गृहे गुञ्जति ।

= अभी भी माँ की आवाज घर में गूँजती है ।


संस्कृत वाक्य अभ्यास - 57 Click Here

--- अखिलेश आचार्य





एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ