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66) संस्कृत वाक्य अभ्यास

 संस्कृत वाक्य अभ्यास

Sanskrit sentence study

 संस्कृत वाक्य अभ्यास



कमला - भारतमातुः जयोजयः ।

           = भारत माता की जय । 


विमला - अस्माकं वीराणां जयोजयः । 

          = हमारे वीरों की जय । 


विमला - अद्य त्रिवर्णीयां शाटिकां धारितवती।

        = आज तिरंगी साड़ी पहनी है। 


कमला - त्वमपि लोकपरिधानं धारितवती।

          = तुमने भी लोक परिधान पहना है। 


विमला - तत्र पश्य , 

          = वहाँ देखो 


          - सः युवकः धौतवस्त्रं धारितवान्। 

          = उस  युवक ने  धोती पहनी है। 


कमला - अद्य द्विसप्ततितमं गणतन्त्रदिनम् अस्ति।

          = आज बहत्तरवाँ गणतन्त्र दिन है। 


विमला - शाटिका अस्माकं राष्ट्रीयं परिधानम् अस्ति। 

          = साड़ी हमारा राष्ट्रीय परिधान है। 


कमला - तथैव धौतवस्त्रम् अपि ।

         = उसी प्रकार धोती भी । 


विमला - अद्य महिलाभिः शाटिका धारणीया। 

         = आज महिलाओं को साड़ी पहननी चाहिये। 


कमला - पुरुषैः धौतवस्त्रं धारणीयम्। 


सर्वेभ्यः गणतन्त्रदिनस्य कोटिशः अभिनन्दनानि।


प्रातः स्नानं कृत्वा सः बहिः गतवान्। 

= प्रातः नहाकर वह  बाहर गया। 


गृहात् बहिः यत्र यत्र अवकरम् आसीत् तद् सर्वं अवकरपात्रे स्थापितवान्। 

= घर के बाहर जहाँ जहाँ कूड़ा था वो सब कूड़ेदान में डाल दिया। 


तं दृष्ट्वा अन्ये अपि जनाः स्वच्छतां कृतवन्तः। 

= उसको देखकर अन्य लोगों ने भी स्वच्छता की। 


सम्पूर्णा वीथिः स्वच्छा जाता। 

= सारी गली साफ हो गई। 


अनन्तरं सः बालकान् आहूतवान्। 

= बाद में उसने बच्चों को बुलाया। 


वीथ्याः सर्वे जनाः अपि आगतवन्तः। 

= गली के सभी लोग आए।  


सर्वे ध्वजारोहणं कृतवन्तः।

= सबने ध्वजारोहण किया। 


अनन्तरं सर्वेषां गृहे ये सेवकाः , सेविकाश्च  कार्यं कुर्वन्ति तेभ्यः कम्बलवितरणं कृतम्। 

= बाद में सबके घरों में जो सेवक , सेविकाएँ काम करती हैं उनको कम्बल बाँटे। 


सेवकानां बालकेभ्यः विद्यालयस्यस्यूतं दत्तवन्तः। 

= सेवकों के बच्चों को स्कूल बैग दी।


सर्वे मिलित्वा "वन्देमातरम्" गीतं गीतवन्तः। 

= सबने मिलकर वन्देमातरम गीत गाया।


गणतंत्रदिनस्य सर्वेभ्यः मङ्गलकामनाः।



बालकः  -  अद्य ..... ( आज ) 

माता -  आम् वत्स !   अद्य 

         = हाँ बेटा आज 


बालकः - अद्य ......  ( आज ) 


माता - आम् वत्स ! अद्य 


बच्चा माँ से बात करता है पुनः पुनः वही बात बोलता है । हम भी कुछ दिन तक एक ही प्रकार का अभ्यास पुनः पुनः करें , सतत करें , करते रहें। 


आप एक दिन पाएँगे कि व्याकरण पढ़े बिना आप  संस्कृत सीख गए हैं । और संस्कृत बोलने का अभ्यास हो जाने के बाद आपको संस्कृत सरल लगने लग जाएगी। 


अद्य गणतन्त्र दिनम् अस्ति।


अद्य रविवासरः अस्ति ।


अद्य अहं प्रसन्नः अस्मि ।  ( पुलिङ्ग )

= आज मैं खुश हूँ। 


अद्य अहं प्रसन्ना अस्मि । (स्त्रीलिङ्ग)

= आज मैं खुश हूँ ।


अद्य = आज 

श्वः   = आने वाला कल 

परश्वः = आने वाला परसों 

प्रपरश्वः = आने वाला तरसों 


ह्यः   = बीता हुआ कल 

परह्यः = बीता हुआ परसों 

प्रपरह्यः = बीता हुआ तरसों  


अद्य गुरुवासरः अस्ति।

श्वः शुक्रवासरः अस्ति ।

परश्व: शनिवासरः अस्ति ।

प्रपरश्वः रविवासरः अस्ति ।


ह्यः बुधवासरः आसीत् ।

परह्यः मंगलवासरः आसीत् ।

प्रपरह्यः सोमवासरः आसीत् ।


आसीत्  = था ।


हो गया न सरल अभ्यास। 


गणतन्त्र दिवस पर करें संस्कृत अभ्यास। 


जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ।


वसुधा - भ्रातः !  मम गीतपुस्तकं कुत्र अस्ति ? 

         = भैया ! मेरी गीतपुस्तक कहाँ है ? 


अरुणः -  भवत्याः पुस्तकम उपरि स्थापितवान् ।

          = आपकी पुस्तक ऊपर रख दी । 


वसुधा - उपरि , इत्युक्ते कुत्र ? 

         = ऊपर मतलब कहाँ ? 


अरुणः - उपरि , भाण्डारे । 

          = ऊपर भण्डार में । 


वसुधा - मम वस्तूनि सर्वदा उपरि एव स्थापयति। 

         = मेरी वस्तुएँ हमेशा ऊपर ही रख देते हो। 


         -  सोपानम् आनय । 

         = सीढ़ी लाओ । 


अरुणः - आनयामि । 

          = लाता हूँ।  


वसुधा - सोपानम् आरोह ! 

          = सीढ़ी पर चढ़ो ।


अरुणः - आरोहामि ।

          = चढ़ता हूँ ।


वसुधा - पुस्तकम् अवतारय । 

          = पुस्तक उतारो 


अरुणः - अवतारयामि । 

          = उतरता हूँ ।


वसुधा - मह्यं देहि ।

         = मुझे दो ।


अरुणः - ददामि , स्वीकरोतु।

          = देता हूँ , लीजिये।




परह्यः जखौ गतवान् आसम्।

= परसों जखौ गया था। 


जखौ समुद्रतीरे अस्ति। 

= जखौ समुद्र के किनारे है। 


अनतिदूरे एव कराँची अस्ति। 

= कुछ ही दूरी पर कराँची है। 


जखौ मध्ये मत्स्यग्रहणकार्यम् अधिकं भवति।

= जखौ में मछली पकड़ने का काम अधिक होता है।  


अनेके धीवराः तत्र आसन्। 

= अनेक मछुआरे वहाँ थे। 


केचन धीवराः नौकायाम् आसन्। 

= कुछ मछुआरे नाव में थे। 


केचन धीवराः जालं नीत्वा गच्छन्ति स्म। 

= कुछ मछुआरे जाल लेकर जा रहे थे। 


समुद्रतटे बहु सिक्ता अस्ति। 

= समुद्र के किनारे बहुत रेती है। 


तत्र लघुमीनाः आसन् , बहु विशालाः मीनाः अपि आसन्। 

= वहाँ छोटी मछलियाँ थी, बहुत बड़ी मछलियाँ भी थीं। 


अहं तत्र तारामत्स्यं दृष्टवान्। 

= मैंने वहाँ तारा मछली देखी। 


एकः सर्पसदृशः मत्स्यः अपि आसीत्। 

= एक साँप जैसी भी मछली थी। 


समुद्रजले अपि अहं गतवान्। 

= समुद्र के जल में भी मैं गया।

कः = कौन ?  ( पुलिङ्ग ) 

का = कौन ?  (स्त्रीलिंग ) 


किम् = क्या ? 


कः किं करोति ? 

= कौन क्या करता है ? 


गच्छति = जाता है / जाती है ।

आगच्छति = आता है / आती है 


नयति = ले जाता है / ले जाती है 

आनयति = लाता है / लाती है 


खादति = खाता है / खाती है 

पिबति = पीता है / पीती है 


वदति = बोलता है / बोलती है 

श्रृणोति = सुनता है / सुनती है 


पश्यति = देखता है / देखती है 

हसति = हँसता है / हँसती है 


ददाति = देता है / देती है 

स्वीकरोति = लेता है / लेती है 


चलति = चलता है / चलती है 

धावति = दौड़ता है / दौड़ती है 


इन सभी दैनिक क्रियाओं को " कौन कर रहा है / रही है ? "  इस प्रकार के वाक्यों का अभ्यास करने के लिए  आप इन सभी क्रियाओं के आगे किसी भी व्यक्ति का नाम , पदनाम , सम्बन्ध , अवस्था आदि लगाते रहिये और वाक्य बनाते रहिये।

अभ्यास करते रहिये और संस्कृत सीखते रहिये।


जैसे - 


योगेन्द्रः यज्ञं करोति ।

माता यज्ञं करोति ।

वैद्यः यज्ञं करोति ।

प्रधानमन्त्री यज्ञं करोति।

वृद्धः यज्ञं करोति ।


इन्हीं वाक्यों के नकारात्मक वाक्य बनाईये और नकार के अभ्यास करिये ।

जैसे - 


बालिका यज्ञं न करोति।


जितने भी नाम याद हैं उन सभी नामों को एक एक क्रिया के साथ लगाइये और बोलते जाईये । बस फिर संस्कृत आपकी अपनी भाषा बन जाएगी।



तस्य गृहस्य तलं बहु चिक्कणम् अस्ति।

= उसके घर का फर्श बहुत चिकना है। 


सर्वे ध्यानपूर्वकं चलन्ति। 

= सब ध्यान से चलते हैं। 


तले यदा जलं पतति तदा जलं न दृश्यते। 

= फर्श पर जब पानी गिरता है तब पानी नहीं दिखता है। 


तलस्य वर्णः अपि श्वेतः अस्ति। 

= फर्श का रंग भी सफेद है। 


ह्यः सः प्रकोष्ठात् पाकशालां गच्छति स्म।

= कल वह कमरे से रसोईघर जा रहा था। 


प्रकोष्ठस्य तले जलं पतितम् आसीत्।

= कमरे के फर्श पर पानी गिरा था। 


सः अनवधानेन चलितवान्। 

= वह ध्यान बिना के चला। 


सः प्रकोष्ठे पतितवान्। 

= वह कमरे में गिर गया। 


तस्य पादः वक्रः जातः। 

= उसका पैर मुड़ गया।


तस्य पादे वितनम् अभवत्।

= उसके पैर में मोच लग गई। 


तस्य भार्या शीघ्रम् आगत्य शामकं लिम्पति।

= उसकी पत्नी शीघ्र आकर बाम लगाती है। 


पट्टं बध्नाति। 

= पट्टा बाँधती है।  


अधुना सः विश्रामं करोति। 

= अभी वह विश्राम कर रहा है।



संस्कृताभ्यासः 

 

*आज्ञार्थ*


अहं पश्यानि वा ? = मैं देखूँ क्या ?


अहं सूर्यग्रहणं पश्यानि वा ?

= मैं सूर्यग्रहण देखूँ क्या ?


अम्ब  ! पश्यतु .... मम नृत्यं पश्यतु।

= माँ , देखिये ... मेरा नृत्य देखिये।


गङ्गाभगिनि ! पश्यतु वर्षा भवति।

= गङ्गा दीदी , देखिये वर्षा हो रही है।


बहिः पश्यतु .... सूर्योदयः भवति।

= बाहर देखिये .... सूर्योदय हो रहा है। 


पश्यतु ... सः सूर्यनमस्कारं करोति।

= देखिये ... वह सूर्यनमस्कार कर रहा है। 


जयपुरे हवामहलम् अवश्यमेव पश्यतु।

= जयपुर में हवामहल अवश्य देखिये।


पश्यतु , अहं कार्यं करोमि।

= देखिये , मैं काम कर रहा हूँ / रही हूँ


*प्रारम्भे एकवचने एव अभ्यासं कुर्वन्तु।*

= *प्रारम्भ में एकवचन में ही अभ्यास करिये।*


*तथैव सरलवाक्यानाम् अभ्यासं कुर्वन्तु।*

= *इसी प्रकार सरल वाक्यों का अभ्यास करें।*


।। जयतु संस्कृतम् ।।  जयतु भारतम् ।।



--- अखिलेश आचार्य




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