Shripad Damodar Satwalekar
(पं० श्रीपाद दामोदर सातवलेकर) जी रचित
संस्कृत स्वयं शिक्षक
पाठ - 2
Lesson - 1
(नमस्ते मित्रों यदि आप पहली बार इस अभ्यास की मुलाकात ले रहे है तो आपसे अनुरोध है कि पाठ - 1 से अभ्यास आरंभ किजिए । पाठ - 1 के लिए नीचे क्लिक किजिए --- Click Here
निम्नलिखित शब्द याद कीजिए ---
शब्द
गृहम् - घर को
नगरम् - नगर को
ग्रामम् - गांव को
आपणम् - बाज़ार को
पाठशालाम् - पाठशाला को
उद्यानम् - बाग को
वाक्य
1. त्वं कुत्र गच्छसि ?
तू कहां जाता है ?
2. अहं गृहं गच्छामि ।
मैं घर को जाता हूं ।
3. सः कुत्र गच्छति ।
वह कहां जाता है ?
4. सः ग्रामं गच्छति ।
वह गांव को जाता है ।
5. त्वं पाठशालां गच्छसि किम् ?
तू पाठशाला को जाता है क्या ?
6. सः उद्यानं गच्छति किम् ?
वह बाग़ को जाता है क्या ?
7. किं सः ग्रामं गच्छति ?
क्या वह गांव को जाता है ?
8. किं त्वम् आपणं गच्छसि ?
क्या तू बाज़ार को जाता है ?
9. यत्र त्वं गच्छसि ।
जहां तू जाता है।
10. तत्र अहं गच्छामि ।
वहां मैं जाता हूं।
11. यत्र सः गच्छति ।
जहां वह जाता है।
12. तत्र त्वं गच्छसि किम् ?
वहां तू जाता है क्या ?
शब्द
यदा - जब
कदा - कब
सदा - सदा, हमेशा
सर्वदा - सदा, हमेशा
सदैव - हमेशा
तदा - तब
अब नीचे लिखे हुए वाक्यों को याद कीजिए। यदि आपने पूर्वोक्त वाक्य याद किए हों तो ये वाक्य आप स्वयं बना सकते हैं --
वाक्य
1. कदा सः नगरं गच्छति ?
कब वह नगर को जाता है ?
2. यदा सः ग्रामं गच्छति ।
जब वह गांव को जाता है।
3. अहं सदैव पाठशालां गच्छामि ।
मैं हमेशा पाठशाला जाता हूं ।
4. सः सर्वदा उद्यानं गच्छति ।
वह सदा बाग को जाता है।
5. किं त्वं सदा आपणं गच्छसि ?
क्या तू हमेशा बाज़ार जाता है ?
6. अहं सदैव नगरं गच्छामि ।
में हमेशा नगर को जाता हूँ।
7. यदा त्वं ग्रामं गच्छसि ।
जब तू गांव को जाता
8. तदाऽहं उद्यानं गच्छामि ।
तब में बाग को जाता हूं।
9. सः नगरं गच्छति किम् ?
वह नगर को जाता है क्या ?
10. सः सर्वदा ग्रामं गच्छति ।
वह सदा गांव को जाता है।
11. किं त्वम् उद्यानं गच्छसि ?
क्या तू बाग को जाता है ?
12. अहं सदैव उद्यानं गच्छामि ।
मैं सदा ही बाग को जाता हूं।
13. त्वं कुत्र गच्छसि ?
तू कहा जाता है ?
14. त्वं कदा गच्छसि ?
तू कब जाता है ?
15. सः सदैव गच्छति ।
वह हमेशा ही जाता है।
पूर्वोक्त प्रकार से इन वाक्यों को भी जोर से बोलकर दस-दस बार उच्चारण करना चाहिए। तत्पश्चात् संस्कृत वाक्य की ओर देखकर (हिन्दी के वाक्य को देखते हुए) उसको हिन्दी का वाक्य बनाना चाहिए। तदनन्तर हिन्दी का वाक्य देखकर उसको संस्कृत वाक्य बनाना चाहिए। इस प्रकार करने से पाठक (आप) स्वयं कई नये वाक्य बना सकते हैं। अब कुछ निषेध के वाक्य बताते हैं ---
1. अहं गृहं न गच्छामि ।
मैं घर नहीं जाता हूँ।
2. सः ग्रामं न गच्छति ।
वह गाँव को नहीं जाता है।
3. त्वं पाठशालां न गच्छसि किम् ?
तू पाठशाला को नहीं जाता है क्या ?
4. सः उद्यानं किं न गच्छति ?
क्या वह बाग को नहीं जाता ?
5. किं सः ग्रामं न गच्छति ?
क्या वह गाँव को नहीं जाता ?
6. किं त्वम् आपणं न गच्छसि ?
क्या तू बाजार नहीं जाता ?
7. तत्र त्वं किं न गच्छसि ?
वहाँ तू क्यों नहीं जाता ?
8. यदा सः ग्रामं न गच्छति ।
जब वह गाँव को नहीं जाता।
9. कः सदा उद्यानं न गच्छति ?
कौन हमेशा बाग को नहीं जाता ?
10. स: उद्यानं सर्वदा न गच्छति ।
वह बाग को हमेशा नहीं जाता।
11. त्वं तत्र किं न गच्छसि ?
तू वहाँ क्यों नहीं जाता ?
12. सः तत्र सदैव न गच्छति ।
वह वहाँ हमेशा ही नहीं जाता।
इसी प्रकार पाठक (आप) स्वयं वाक्य बना सकते हैं।
4 टिप्पणियाँ
बहुत ही सुन्दर और सुलभ संस्कृत पाठ है!धन्यवादः महोदयः!👌
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुलभ एवम् सरल पाठ्यक्रम!
जवाब देंहटाएंमन: पुर्वक धन्यवाद महोदया!
अत्युत्तमः। अतीव सरलतम पद्धत्याः अभ्यासः एषः।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद महोदय।
अति उत्तम
जवाब देंहटाएंधन्यवाद:/thank-you
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