संस्कृत वाक्य अभ्यास - 90
Sanskrit study
*अमृतमहोत्सवः संस्कृतमहोत्सवः*
यस्यां भूमौ वयं अजायन्त सा भूमिः अस्माकं मातृभूमिः उच्च्यते।
= जिस भूमि पर हम पैदा हुए हैं वह भूमि हमारी मातृभूमि कहलाती है।
माता यथा अस्मान् पालयति तथैव मातृभूमिः अपि अस्मान् पालयति।
= माँ जैसे हमे पालती है वैसे ही मातृभूमि भी हमें पालती है।
भूम्या वयं अन्नं प्राप्नुमः।
= भूमि से हम अन्न पाते हैं।
भूम्या वयं जलं प्राप्नुमः।
= भूमि से हम जल पाते हैं।
भूम्या वयं औषधिं प्राप्नुमः।
= भूमि से हम औषधि पाते हैं।
भूमौ वयं निवासं कर्तुं शक्नुमः।
= भूमि पर हम निवास कर पाते हैं।
भूमौ वयं निवासं भ्रमिर्तुं शक्नुमः।
= भूमि पर हम घूम सकते हैं।
अतएव मातृभूमिः अस्माकं माता सदृशी एव भवति।
= इसलिये मातृभूमि हमारी माँ के समान ही है।
यथा माता अस्मभ्यं रोचते तथैव मातृभूमिः अपि अस्मभ्यं रोचते।
= जैसे माँ हमें अच्छी लगती है वैसे ही मातृभूमि भी हमें अच्छी लगती है।
मातृभूम्याः रक्षणम् अस्माकं कर्तव्यम् अस्ति।
= मातृभूमि की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
जयतु संस्कृतम् 🙏🙏
जयतु भारतम् 🇮🇳🇮🇳
*अमृतमहोत्सवः संस्कृतमहोत्सवः*
यथा देशस्य भूसीमा भवति तथैव देशस्य जलीय सीमा अपि भवति।
= जैसे देश की भू सीमा होती है वैसे ही देश की जलीय सीमा भी होती है।
देशस्य भूसीमायाः रक्षार्थं सीमासुरक्षाबलम् अस्ति।
= देश की भू सीमा की रक्षा के लिये सीमा सुरक्षा बल है।
तथैव जलीय सीमायाः रक्षार्थं तटरक्षकबलम् अस्ति।
= उसी प्रकार जलीय सीमा की रक्षा के लिये तट रक्षक बल है।
अद्य भारतीय तटरक्षक बलस्य स्थापनादिनम् अस्ति।
= आज भारतीय तटरक्षक बल का स्थापना दिन है।
भारतस्य समुद्रीसीमायाः रक्षणम् एतदेव दलं करोति।
= भारत की समुद्री सीमा की रक्षा यही दल करता है।
कोsपि तस्करः समुद्रस्य सीमायाः उल्लंघनं कृत्वा देशस्य अन्तः प्रवेष्टुं न शक्नोति।
= कोई भी तस्कर समुद्री सीमा को लाँघ कर देश के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है।
अनेके धीवराः मत्स्यान् ग्रहीतुं समुद्रजले दूरपर्यन्तं गच्छन्ति।
= अनेक मछुआरे मछलियों को पकड़ने के समुद्री जल में दूर तक चले जाते हैं।
यदा ते मार्गं विस्मरन्ति वा झञ्झावातग्रसिताः भवन्ति तदा तटरक्षकाः तेषां साहाय्यं कुर्वन्ति।
= जब वे मार्ग भूल जाते हैं या तूफान ग्रस्त हो जाते हैं तब तटरक्षक उनकी सहायता करते हैं।
समुद्रस्य गर्भे अनेकानि बहुमूल्यानि वस्तूनि सन्ति।
= समुद्र के गर्भ में अनेक बहुमूल्य वस्तुएँ हैं।
समुद्रस्य अन्तः खनिजधातवः अपि सन्ति।
= समुद्र के अंदर खनिज धातुएँ भी हैं।
तेषाम् अपि रक्षां तटरक्षकबलमेव करोति।
= उनकी भी रक्षा तटरक्षक बल ही करता है।
गहने समुद्रे अपि एते रक्षकाः सेवां कुर्वन्ति।
= गहरे समुद्र में भी ये रक्षक सेवा करते हैं।
प्राकृतिकआपदा यदा आपतति तदा एते तटरक्षकाः जनान् त्रायन्ते।
= प्राकृतिक आपदा जब आती है तब ये तटरक्षक लोगों को बचाते हैं।
भारतीय तटरक्षकबलस्य ध्येयमन्त्रः अस्ति " वयं रक्षामः"।
= भारतीय तटरक्षक बल का ध्येयमंत्र है "हम रक्षा करते हैं"
अद्य भारतीय तटरक्षक बलस्य स्थापनादिनम् अस्ति।
= आज भारतीय तटरक्षक बल का स्थापना दिन है।
वयं सर्वे सर्वेभ्यः तटरक्षकेभ्यः शुभकामनाः दद्मः।
= हम सभी सारे तटरक्षकों को शुभकामनाएँ देते हैं।
जयतु संस्कृतम् 🙏🙏
जयतु भारतम् 🇮🇳🇮🇳
*अमृतमहोत्सवः संस्कृतमहोत्सवः*
ईस्ट इंडिया कंपनी विषये प्रायः सर्वे जानन्ति एव।
= ईस्ट इंडिया कंपनीके विषय में प्रायः सभी जानते ही हैं।
प्रप्रथमं ते अत्र व्यापारं कर्तुमेव आगतवन्तः।
= सबसे पहले वे यहाँ व्यापार करने ही आए थे।
तदनन्तरम् आँग्लजनाः भारते शासनम् आरब्धवन्तः।
= उसके बाद अंग्रेजों ने भारत में शासन प्रारम्भ कर दिया।
आँग्लजनानां समये भारते कोsपि उद्योगस्य विकासं न कर्तुं शक्नोति स्म।
= अंग्रेजों के समय में भारत में कोई भी उद्योग का विकास नहीं कर पाता था।
तथापि जमशेदजी टाटा भारते उद्योगानां विकासं कृतवान्।
= तथापि जमशेदजी टाटा ने भारत में उद्योगों का विकास किया।
प्रप्रथमं सः नागपुरे वस्त्रउद्योगस्य स्थापनाम्अकरोत्।
= सबसे पहले उन्होंने नागपुर में वस्त्र उद्योग की स्थापना की।
तदनन्तरं सः जमशेदपुरे टाटा आयसस्य उद्योगं स्थापितवान्।
= उसके बाद उन्होंने जमशेदपुर में टाटा स्टील के उद्योग की स्थापना की।
मुम्बईनगरे सः वैभवशाली ताज पांथशालायाः अपि निर्माणं कारितवान्।
= मुम्बई शहर में उन्होंने वैभवशाली होटल ताज का भी निर्माण कराया।
तस्य निधनान्तरं टाटापरिवारजनाः विमानसेवाम् अपि आरब्धवन्तः।
= उनके निधन के पश्चात टाटा परिवारजनों ने विमान सेवा भी प्रारम्भ की।
संगणकक्षेत्रे अपि टाटासमूहस्य सेवा अद्वितीया अस्ति।
= कम्प्यूटर के क्षेत्र में भी टाटा समूह की सेवा अद्वितीय है।
संरक्षणक्षेत्रे अपि टाटासमूहः अप्रतिमं कार्यं करोति।
= डिफेंस के क्षेत्र में भी टाटा समूह बहुत ही अनुपम काम करता है।
न केवलं समग्रे भारते अपितु समग्रे विश्वे टाटायाः वाहनानि चलन्ति।
= न केवल पूरे भारत में अपितु पूरे विश्व में टाटा के वाहन चलते हैं।
अधुना तु वयं टाटायाः लवणम् अपि खादामः।
= अब तो हम टाटा का नमक भी खाते हैं।
भारतस्य उन्नत्यां टाटासमूहस्य योगदानस्य वयं सर्वे प्रशंसां कुर्मः।
= भारत की उन्नति में टाटा समूह के योगदान की हम सभी प्रशंसा करते हैं।
जयतु संस्कृतम् 🙏🙏
जयतु भारतम् 🇮🇳🇮🇳
*अमृतमहोत्सवः संस्कृतमहोत्सवः*
आँग्लजनाः भारतम् आगतवन्तः।
= अंग्रेज लोग भारत आए।
तस्मात् पूर्वं मुगलजनाः अपि भारतम् आगतवन्तः।
= उससे पहले मुगल लोग भी भारत आए थे।
फ्रांसजनाः , डचजनाः , हूणजनाः एते सर्वे भारतम् आगत्य अत्र शासनं कृतवन्तः।
= फ्रांस के लोग , डच लोग , हूण लोग ये सभी ने भारत आकर यहाँ शासन किया।
एतेषां सर्वेषाम् आगमनात् पूर्वं भारतदेशः बहु समृद्धः आसीत्।
= इनके आने से पहले भारत देश बहुत समृद्ध था।
भारते अनेके विश्वविद्यालयाः आसन्।
= भारत में अनेक विश्वविद्यालय थे।
यथा - तक्षशिलाविश्वविद्यालयः, नालन्दाविश्वविद्यालयश्च।
= जैसे - तक्षशिला विश्वविद्यालय और नालन्दा विश्वविद्यालय।
तथैव भारतस्य ग्रामे ग्रामे गुरुकुलानि आसन्।
= उसी प्रकार भारत के गाँव गाँव में गुरुकुल थे।
यत्र छात्राः शस्त्रविद्यां , शास्त्रविद्यां च पठन्ति स्म।
= जहाँ छात्र शस्त्रविद्या और शास्त्रविद्या पढ़ते थे।
प्रत्येकस्मिन् ग्रामे वस्त्रनिर्माणं भवति स्म।
= प्रत्येक गाँव में वस्त्र निर्माण होता था।
अस्माकं देशात् वयं सोपस्कराणि निर्यातं कुर्मः स्म।
= हमारे देश से हम मसाले निर्यात करते थे।
अस्माकं देशस्य लौहकाराः , सुवर्णकाराः , काष्ठकाराः , चर्मकाराश्च विश्वप्रसिद्धाः आसन्।
= हमारे देश के लौहकार , सुवर्णकार , काष्ठकार और चर्मकार विश्वप्रसिद्ध थे।
भारतस्य जलपोताः जगतः यात्रां कुर्वन्ति स्म।
= भारत के जलपोत विश्व की यात्रा करते थे।
अस्माकं वीराणां युद्धकौशलम् अपि अद्भुतम् आसीत्।
= हमारे वीरों का युद्ध कौशल भी अद्भुत था।
समग्रे भारते संस्कृतभाषायाम् एव शिक्षा दीयते स्म।
= समग्र भारत में संस्कृत भाषा में ही शिक्षा दी जाती थी।
न केवलं भारते अपितु विश्वस्य अनेकेषु स्थानेषु संस्कृतभाषा प्रचलिता आसीत्।
= न केवल भारत में अपितु विश्व के अनेक स्थानों में संस्कृत भाषा प्रचलित थी।
अधुना भारतस्य स्वाधीनतायाः अमृतमहोत्सवः चलमानः अस्ति।
= अभी भारत की स्वाधीनता का अमृत महोत्सव चल रहा है।
तदा वयमपि संस्कृतं पठेम।
= तब हम भी संस्कृत पढ़ें।
आगच्छन्तु , वयं संस्कृतं पठेम।
= आईये , हम संस्कृत पढ़ें।
जयतु संस्कृतम् 🙏🙏
जयतु भारतम् 🇮🇳🇮🇳
*अमृतमहोत्सवः संस्कृतमहोत्सवः*
अस्माकं देशे अनेके जनाः सुशिक्षिताः सन्ति।
= हमारे देश में अनेक लोग सुशिक्षित हैं।
अनेके जनाः अशिक्षिताः अपि सन्ति।
= अनेक लोग अशिक्षित भी हैं।
अनेके जनाः धनिकाः सन्ति।
= अनेक लोग धनवान हैं।
अनेके जनाः निर्धनाः अपि सन्ति।
= अनेक लोग निर्धन भी हैं।
सुशिक्षिताः जनाः अपि देशस्य उन्नत्यर्थं कार्यं कुर्वन्ति।
= सुशिक्षित लोग भी देश की उन्नति के लिये काम करते हैं।
अशिक्षिताः जनाः अपि देशस्य उन्नत्यर्थं कार्यं कुर्वन्ति।
= अशिक्षित लोग भी देश की उन्नति के लिये काम करते हैं।
धनिकाः निर्धनाश्च जनाः अपि देशस्य उन्नत्यर्थं कार्यं कुर्वन्ति।
= धनिक और निर्धन लोग भी देश की उन्नति के लिये काम करते हैं।
वयं यस्मिन् देशे अजायामहि तस्य कृते कार्यं तु करणीयम् एव।
= हम जिस देश में पैदा हुए हैं उसके लिये काम तो करना ही चाहिये।
स्वसामर्थ्यानुसारं कार्यं करणीयम्।
= अपने सामर्थ्य अनुसार काम करना चाहिये।
यः पाठयितुं शक्नोति सः पाठयेत्।
= जो पढ़ा सकता है वह पढ़ाए।
यः व्यापारं कर्तुं शक्नोति सः व्यापारं कुर्यात्।
= जो व्यापार कर सकता है वह व्यापार करे।
प्रत्येकं कार्यं राष्ट्रस्य उन्नत्यर्थमेव भवेत्।
= प्रत्येक कार्य राष्ट्र की उन्नति के लिये ही हो।
कार्यकरणेन व्यक्तिगतमपि विकासः भवति , राष्ट्रस्य अपि विकासः भवति।
= कार्य करने से व्यक्तिगत विकास होता है , राष्ट्र का भी विकास होता है।
उन्नतं भारतं दृष्ट्वा अस्माकं मनः प्रसन्नं भवति।
= उन्नत भारत देखकर हमारा मन प्रसन्न होता है।
समग्रे विश्वे भारतस्य जय-जयकारः भवति।
= पूरे विश्व में भारत की जय जयकार होता है।
जयतु संस्कृतम् 🙏🙏
जयतु भारतम् 🇮🇳🇮🇳
*अमृतमहोत्सवः संस्कृतमहोत्सवः*
अस्माकं देशः ऋषीणां देशः अस्ति।
= हमारा देश ऋषियों का देश है।
अनेके ऋषयः भारते अभवन्।
= भारत में अनेक ऋषि हुए।
सर्वे ऋषयः विद्वांसः आसन्।
= सभी ऋषि विद्वान थे।
सर्वे ऋषयः तपस्विनः आसन्।
= सभी ऋषि तपस्वी थे।
पुरातने काले अपि अविष्कारः भवति स्म।
= पुरातन काल में भी आविष्कार होता था।
वेदानाम् अध्ययनं कृत्वा ऋषयः वैज्ञानिकं संशोधनं कुर्वन्ति स्म।
= वेदों का अध्ययन करके ऋषिगण वैज्ञानिक संशोधन करते थे।
ऋषीणाम् आविष्कारेण सर्वत्र सुखं भवति स्म।
= ऋषियों के आविष्कार से सब जगह सुख होता था।
ऋषयः निःस्वार्थमेव कार्यं कुर्वन्ति स्म।
= ऋषिगण निःस्वार्थ ही काम करते थे।
ऋषीणां जीवनं बहु सात्विकम् आसीत्।
= ऋषियों का जीवन बहुत सात्विक था।
ऋषयः न केवलं योगसाधनां जानन्ति स्म अपितु ते खगोलविद्यां , रसायनविद्यां , भौतिकशास्त्रं , गणितम् इत्यादिकं जानन्ति स्म।
= ऋषिगण न केवलं योगसाधना जानते थे अपितु वे खगोलविद्या , रसायनविद्या , भौतिकशास्त्र , गणित इत्यादि भी जानते थे।
यदा समयः लभते तदा अवश्यमेव संस्कृतस्य समृद्धं वाङमयं पठन्तु।
= जब समय मिलता है तब अवश्य ही संस्कृत का समृद्ध साहित्य पढ़िये।
जयतु संस्कृतम् 🙏🙏
जयतु भारतम् 🇮🇳🇮🇳
मुखे कति दन्ताः भवन्ति ?
= मुँह में कितने दाँत होते हैं ?
मुखे द्वात्रिंशत् दन्ताः भवन्ति।
= मुँह में बत्तीस दाँत होते हैं ।
दन्ताः स्वस्थाः , सुदृढ़ाः च भवन्ति चेत् वयं किमपि खादितुं शक्नुमः।
= दाँत स्वस्थ और सुदृढ़ होते हैं तो हम कुछ भी खा सकते हैं।
स्वस्थदन्ताः जनाः इक्षुदण्डम् अपि चर्वन्ति।
= स्वस्थ दाँतों वाले लोग गन्ना भी चबाते हैं।
दन्तैः मकोयम् अपि खादन्ति।
= दाँतों से भुट्टा भी खाते हैं।
येषां दन्ताः सुदृढ़ाः न भवन्ति ते कोमलानि वस्तूनि खादन्ति।
= जिनके दाँत मजबूत नहीं होते हैं वे कोमल वस्तुएँ खाते हैं।
दन्तानां दृढ़ीकरणाय योग्यं दन्तचूर्णं वा दन्तलेपनं बहु आवश्यकं भवति।
= दाँतों की मजबूती के लिये अच्छा मंजन या पेस्ट होना आवश्यक है।
बालकाः शर्कराम् अधिकां खादन्ति चेत् दन्ताः शीघ्रमेव भग्नाः भवन्ति।
= बच्चे चीनी अधिक खाते हैं तो दाँत जल्दी से टूट जाते हैं।
दन्तावली प्रतिदिनं स्वच्छा करणीया।
= दाँतों को प्रतिदिन साफ करना चाहिये।
यदा वयं हसामः तदा अस्माकं दन्ताः एव दृश्यन्ते।
= जब हम हँसते हैं तब हमारे दाँत ही दिखते हैं।
दन्तावली तु रक्षणीया भवति।
= दाँतों की तो रक्षा करनी चाहिये।
- अखिलेश आचार्य
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